पत्रकार दीपक चौरसिया,चित्रा समेत कई की मुश्किलें बढ़ सकती है!
दिल्ली: पत्रकार दीपक चौरसिया, चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम, मोहम्मद सोहेल उर्फ शाहिद जैसे तमाम लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है. दरअसल 2015 से दर्ज एक मामले में कई लोगों पर कार्रवाई होने का खत’रा मंडराने लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक नाबालिक के वीडियो को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के एक मामले में पुलिस कार्रवाई करने जा रही है.इससे पहले भी लगातार अन्य संगठनों द्वारा दीपक चौरसिया के विरुद्ध कार्रवाई की मांग भी की जा चुकी है। जानकारी के अनुसार मामले के तहत साल 2015 में पालम विहार थाना में दर्ज पोक्सो एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया था. पीड़िता को न्याय दिलाने के प्रयासों में जुटी सामाजिक संस्था जन- जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार ने इस मामले में सीएम विंडो पर गत माह शिकायत दर्ज की थी.
दीपक चौरसिया, अजित अंजूम,चित्रा त्रिपाठी,ललित सिंह समेत कई पत्रकार आरोपी
हरिशंकर कुमार ने बताया कि सीएम विंडो पर की गई शिकायत के बाद पुलिस कार्यवाही में जुट गई है. इस मामले में आरोपी अजीत अंजुम, सुहेल, सुनील दत्त, मोहम्मद सोहेल उर्फ शाहिद, चित्रा त्रिपाठी, राशिद, ललित सिंह आदि के खिलाफ गत 4 जनवरी को अभियोग का प्रथम चार्जशीट स्थानीय कोर्ट में दिया जा चूका है.
पुलिस के मुताबिक आरोपी दीपक चौरसिया के खिलाफ अतिरिक्त चालान इसी साल 18 मार्च को कोर्ट में पेश किया गया जो कोर्ट में विचारधीन है. अन्य आरोपियों रविंद्र शर्मा को भी जांच के दायरें में भी लाया गया है.
इसके आलावा अन्य चार मुख्य आरोपी इंडिया न्यूज के डाइरेक्टर कार्तिकेय शर्मा, न्यूज 24 चैनल के डायरेक्टर श्री राजीव शुक्ला, गोपाल कांडा, श्रीमती अनुराधा प्रसाद को भी नोटिस भेजकर जांच में शामिल किया गया है.
पुलिस ने सीएम विंडो पर मिली शिकायत को लेकर की जा रही कार्रवाई की रिपोर्ट अपने उच्च अधिकारीयों को भी भेजी है. वहीं फ़िलहाल यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश भावना जैन के कोर्ट में विचाराधीन है.
आपको बता दें कि पालम विहार थाना क्षेत्र में रहने वाले सतीश कुमार (बदला हुआ नाम) के घर पर वर्ष 2013 की 2 जुलाई को संत आसाराम बापू आए थे. इस दौरान उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों के साथ उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था.
यह है पूरा मामला
इस दौरान सतीश के घर हुए इस कार्यक्रम की वीडियोग्राफी भी की गई थी. आसाराम पर लगे आरोपों के बाद कई टीवी चैनलों और पत्रकारों ने इसी वीडियो का प्रसारण किया.
इस मामले को लेकर परिजनों का आरोप है कि उनकी और आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से मीडिया ने वीडियो को तोड़ मरोड़ अभ’द्र और अश्लील तरीके से प्रसारित की. जिससे परिवार और मासूम बच्ची को सामाजिक और मानसिक कष्ट झेलना पड़ा.
इसी के बाद परिजनों ने पालम विहार थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन यह मामला ठंडे बसते में चला गया था ।