हिंदू जनता पर हो रहे अत्याचार अन्याय को रोकने हेतु जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन
दिल्ली: हिंदू जनता को अन्याय, अत्याचार ,छद्म युद्ध के द्वारा समाप्त किया जाने को लेकर नाराज हिंदू संगठनों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रर्दशन किया गया। कार्यक्रम में शामिल हुए हिंदू संगठनों ने हिंदू जागरूक और सावधान हो इस हेतु कहा कि भारत मे यदि करदाता हिन्दुओ के साथ भेदभाव,अन्याय,अत्याचार समाप्त हो जाये तो एक भी हिन्दू परिवार बेरोजगार नही होगा एक भी हिन्दू गरीबी से आत्महत्या नही करेगा। महंगाई सबसे बड़ा टैक्स हैं। हमारा उद्देश्य सत्य, न्याय, मानवता और शांति की स्थापना करना है ,किसी व्यक्ति पंथ विशेष की निंदा स्तुति करना नहीं है।
आज भारत राष्ट्र में सत्ता के सहयोग से अन्याय पूर्ण नीतियों द्वारा भारतीय संस्कृति ,सनातन वैदिक हिंदू धर्म, हिंदू जनता को छद्म युद्ध के द्वारा समाप्त किया जा रहा है। भारत को 800 वर्षों में जितना मुस्लिमों ने नही लूटा उससे कई गुना अधिक 200 वर्षो में क्रिस्चन अग्रेजों ने लूटा। हिन्दू मुस्लिम मुद्दे बनाकर आज भी राजनीतिक रोटी सेकी जाती हैं न्याय,नीति की बात कोई नही करता। क्रिस्चन आक्रान्ताओ के विरुद्ध सन 1857 की क्रांति हिंदू और मुस्लिमों ने मिलकर लड़ी थी । आपसी प्रमुख विवाद जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर, श्री कृष्ण जन्मभूमि आदि सुलझा लिए थे। लखनऊ की बेगम ने अयोध्या श्री राम मंदिर हिंदुओं को सौंप दिया था तथा दिल्ली के मुस्लिम शासक ने संपूर्ण भारत में गौ हत्या करने वालों को फांसी की सजा का ऐलान कर दिया था। सन 1942 में वीर सावरकर जी ने कहा था गांधी का यह “अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन नहीं है यह अंग्रेजों भारत तोड़ो आंदोलन है” क्रिश्चन अंग्रेजों ने अल्पसंख्यक शब्द का अविष्कार करके 15 अगस्त 1947 को भारत के टुकड़े किए लाखों हिंदुओं की हत्या की गई लाखों हिंदू स्त्रियों बच्चियों का बलात्कार किया गया। कायरता के कीर्तिमान स्थापित करके अमानवीय अत्याचार किए गए जो इस धरती पर इतिहास में पहले कभी नहीं हुए।
2 फरवरी 1834 ब्रिटेन की संसद में लॉर्ड मैकाले ने बयान दिया था “मैंने पूरे भारत का दौरा किया मुझे पूरे भारत में एक भी चोर भिखारी या बेरोजगार दिखाई नहीं दिया भारत को यदि गुलाम बनाना है तो ही गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को नष्ट करना पड़ेगा।” 15 अगस्त 1947 के बाद भारतीय संविधान में 150 से अधिक बार संशोधन किए गए ज्यादातर सनातन वैदिक हिंदू धर्म और हिंदू जनता को समाप्त करने के लिए किए गए। स्वार्थी नेताओ की दोहरे कानून दोहरी सुविधाएं वोट बैंक की नीति से हिन्दू तीसरे दर्जे का नागरिक बन गया है। धार्मिक भेदभाव करके हिन्दुओ की जेब काटकर सैकड़ों योजनाओं के बहाने अल्पसंख्यको को जो सुविधाएं भारत मे दी गयी हैं वो पूरी दुनियां में कही नही दी गयी हैं। आज तक अल्पसंख्यको की परिभाषा कोई बताने को तैयार नही है। क्या उसी अनुपात में हिन्दुओ को सुविधाएं हैं जहाँ हिन्दू अल्पसंख्यक है?
सरकार व नेताओं पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि करोड़ोअरबो रुपयो को धार्मिक आधार पर सरकारी विज्ञापन जारी करके खुले आम क्रिस्चनऔरंगजेबी मुस्लिम जजिया टैक्स वसूला जा रहा हैं।
स्वार्थी,धूर्त, अन्यायी,जेबकतरे नेता मौज मार रहे हैं।हिन्दू संगठनों के एक अनुमान के अनुसार सन 2007 से प्रतिदिन लगभग 2700 हिन्दू स्त्रियों को धर्मांतरण लव जिहाद का शिकार बनाया जा रहा है उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं है। उनके पूरे परिवार का जीवन नरक बन गया हैं। कांग्रेस गठबंधन सरकार द्वारा सन 2006 में संविधान का खुला उल्लंघन करके अल्पसंख्यक मंत्रालय बनाया गया जिसको भाजपा बहुमत सरकार भी बढ़ावा दे रही है। कई हिंदू मंदिरों की वार्षिक दान पेटी की आवक करोड़ों अरबों रुपए हैं । लगभग 44 लाख 50 हजार मंदिरों की दान पेटी की राशि प्रतिवर्ष सरकार हड़प कर उस राशि की 90 से 95 प्रतिशत राशि क्रिश्चन और मुस्लिम संथाओं को देती है। एक भी मुस्लिम मस्जिद या क्रिश्चन चर्च के एक रुपए को सरकार छूती भी नहीं है।
हिंदू संगठनों ने सरकार से रखी मांग
मस्जिदों में इमामो को सरकारी खजाने से तनख्वा इसमे अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं । मंदिर में पुजारियों के लिए क्यों नहीं?
हिंदू संगठनों की मांग है ।
1) तत्काल केन्द्रीय कानून बनाया जाए। हिन्दू विरोधी और गद्दार दोषी राजनेताओं को दंडित करो।दोषी राज्य सरकारों को बर्खास्त करो । सेना या राष्ट्रपति शाशन लागू करो। या स्तीफा दो।
2)भारत में गौ मांस खाने की खुली घोषणा करने वालों को बीच चौक पर फांसी पर लटकाया जाए। गो हत्या करने वालों को फांसी की सजा दी जाए । अल्पसंख्यक मंत्रालय बंद करके गो रक्षा मंत्रालय बनाया जाए। 3) भारत से मांस निर्यात बंद किया जाए जिससे गो तस्करी बंद हो।
) न्यायधीशो की संपत्ति की जांच हो। भ्रष्ट ,देशद्रोही न्यायधीशो को बीच चौक पर फांसी दी जाए ।6) अल्पसंख्यक मंत्रालय तत्काल समाप्त किया जाए । इसमें दी गई राशि हिंदू परिवारों को वापिस की जाएं। इसको बनाने वाले दोषी राजनेताओं की संपत्ति जप्त की जाए । उनका चुनाव लड़ने का वोट देने की अधिकार समाप्त किए जाएं । सश्रम सार्वजनिक दंड दिया जाए। 7) धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानून बनाया जाए । छल बल से धर्मांतरण लव जिहाद की शिकार हिंदू स्त्रियों को हरजाना दिया जाए । दोषियों को दंडित कर उनकी संपत्ति जप्त की जाय। 8) धार्मिक आधार पर आरक्षण अनुदान, बैंकिंग सुविधाएं देने वाले राजनेताओं के चुनाव लड़ने और वोट देने का आजीवन अधिकार समाप्त किया जाय।सम्पूर्ण संपत्ति को जप्त किया जाय। 9) जैसे हिंदू संस्था को सरकार अधिग्रहित कर लेती है इसी तरह क्रिश्चन और मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं को पूर्णतया भारतीय कानून के अंतर्गत लाया जाए।10) धर्मान्धता, सभी धर्म समान, धर्मनिरपेक्षता ,धार्मिक अंधविश्वास , धार्मिक कट्टरता, धार्मिक असहिष्णुता जैसे विकृत शब्द जनता के मुंह मे ठूसे जा रहे हैं। इन शब्दों को उपयोग करने वाले लोगों को लिखित में चेतावनी दी जाए । लिखित में क्षमा याचना पत्र प्रत्येक थाने में,तहसीलदार के पास जमा करवाये जाए। दूसरी बार गलती करने पर उनकी संपत्ति जप्त की जाय और ऐसे समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगाया जाए उनकी सम्पूर्ण संपत्ति जप्त की जाय। तीसरी बार गलती करने पर वोट देने चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाय।11) हिन्दू मंदिरो की दान राशि केवल हिन्दुओ के अधिकार में हो केवल हिन्दुओ पर खर्च हो। 12) गैर गैर हिंदू धार्मिक संस्थाओं को यदि किसी प्रकार की छूट दी जाती है सुविधाएं दी जाती है तो उतनी ही सुविधाएं हिंदुओं को दी जाए यदि सरकारी तनख्वा दी जाती है तो पुजारियों को भी सरकार से उतनी ही तनख्वा दी जाय । इस कार्यक्रम में श्रीमती रजनी सक्सेना, राकेश दत्त मिश्रा राष्ट्रीय , महासचिवभारतीय जन क्रान्ति दल,श्री आज़ाद खेमसिंह फौजदारअध्यक्षभारतीय नोजवान इंकलाब पार्टी, श्री गणेश त्रिपाठी, राष्ट्रीय बंधुत्व पार्टी श्री रविन्द्र द्विवेदीकार्यकारी अध्यक्ष। अखिल भारत हिन्दू महासभा माणिक देशमुख आदि उपस्तित थें।
मस्जिदों में इमामो को सरकारी खजाने से तनख्वा इसमे अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं । मंदिर में पुजारियों के लिए क्यों नहीं?
हिंदू संगठनों की मांग है ।
1. तत्काल केन्द्रीय कानून बनाया जाए। हिन्दू विरोधी और गद्दार दोषी राजनेताओं को दंडित करो।दोषी राज्य सरकारों को बर्खास्त करो । सेना या राष्ट्रपति शाशन लागू करो। या स्तीफा दो।
2.भारत में गौ मांस खाने की खुली घोषणा करने वालों को बीच चौक पर फांसी पर लटकाया जाए। गो हत्या करने वालों को फांसी की सजा दी जाए । अल्पसंख्यक मंत्रालय बंद करके गो रक्षा मंत्रालय बनाया जाए।