दीपक चौरसिया समेत 8 आरोपियों को बचाने में जुटी गुरुग्राम पुलिस के खिलाफ दायर याचिका पर कोर्ट ने संज्ञान लेकर किया नोटिस जारी:-

गुरुग्राम के पॉक्सो की अदालत में चल रहे,नाबालिग बच्ची की वीडियो को तोड़मरोड़ कर प्रसारित मामले में शिकायत कर्ता ने अपने वकील धर्मेंद्र मिश्रा के द्वारा इंडिया न्यूज,न्यूज 24 टीवी चैनलों के आरोपित एंकरों को बचाने के आशय से गुरुग्राम पुलिस द्वारा साक्ष्य को नष्ट किए जाने तथा माननीय न्यायालय के आदेश का अनुपालन न करने के लिए जांच अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच और आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर किए जाने पर,कोर्ट ने संज्ञान लेकर,पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर,पेश होने का निर्देश दिया है।

पुलिस पर साक्ष्य मिटाने का आरोप

दायर याचिका में कहा गया है कि 25 अगस्त 2023 को दीपक चौरसिया,अजीत अंजुम समेत 8 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय किए गए और उसके बाद अभियोजन पक्ष के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग शुरू कर दी गई है। 10 अक्तूबर 2023 को, शिकायतकर्ता का माननीय न्यायालय द्वारा आंशिक रूप से बयान दर्ज किया गया और उस दिन इसे इस कारण से स्थगित कर दिया गया था कि मूल शिकायत दिनांक 14-12-2013 को जिसके आधार पर जीरो एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी, उसे आरोप पत्र के साथ दाखिल नहीं किया गया था।

तब से इस माननीय न्यायालय ने विभिन्न तिथियों पर पुलिस स्टेशन पालम विहार के पुलिस अधिकारियों को मूल शिकायत की कॉपी पेश करने के लिए कहा गया था। उस मूल शिकायत, जिसके आधार पर जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन माननीय न्यायालय द्वारा विभिन्न तिथियों पर दिए गए अवसरों के बावजूद,जांच अधिकारी के द्वारा न तो मूल शिकायत का पता लगाया गया है और न ही इसे रिकॉर्ड पर रखा गया है। दायर याचिका में स्पष्ट रूप से यह भी कहा गया है कि संबंधित पुलिस अधिकारी जानबूझकर,दुर्भावनापूर्ण इरादे और आरोपी व्यक्ति की मदद करने के इरादे से,विभिन्न अवसरों के बावजूद,इस माननीय न्यायालय के समक्ष मूल शिकायत नहीं ला रहे हैं। और वर्तमान मामले की प्रभावी सुनवाई में देरी कर रहे हैं। और इस तरह जानबूझकर और इरादतन न्याय प्रणाली में बाधा डाली जा रही है। शिकायतकर्ता ने अपने याचिका में यह भी आशंका व्यक्त की है कि इस वर्तमान मामले के जांच अधिकारियों ने आरोपी की मदद करने के लिए इसे नष्ट कर दिया है। इस मामले के जांच अधिकारी वर्तमान मामले यानी उपरोक्त मूल शिकायत के सबूतों को नष्ट करने में शामिल हैं और जानबूझकर इस माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं और दोषी की जवाबदेही तय करने के लिए कार्रवाई की भी आवश्यकता है। इस वर्तमान मामले के जांच अधिकारियों/पुलिस स्टेशन, पालम विहार,गुरुग्राम के पुलिस अधिकारियों और मूल शिकायत को नष्ट करने वाले उन पुलिस अधिकारियों की दोषीता और जवाबदेही तय करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें जो साक्ष्य यानी मूल शिकायत को नष्ट करने और इस माननीय अदालत के समक्ष इसे प्रस्तुत न करने के लिए जिम्मेदार हैं। मामले में सुनवाई हेतु आगामी तारीख 6 जून 2024 की तारीख मुकर्रर की है।