महाराष्ट के पालघर में हुई दो संतों की हत्या में ‘ इसाई मिशनरियों का हाथ’ होने के संदेह पर जाँच करेगी वीएचपी की फैक्ट फाईडिंग टीम

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पालघर में हुई संतो की हत्या के 40 दिन के बाद जांच पड़ताल के लिए अब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) भी जुट गई है. वीएचपी अब जल्द ही अपनी टीम को महाराष्ट भेजेगी|

साथ ही इन तथ्यों की भी पड़ताल करेगी कि इस घटना में कम्युनिस्ट और ईसाई मिशनरी जैसे संगठनों का हाथ तो नहीं इसके लिए हत्या से संबधित सभी लोगों से बात करेगी और एकत्रित किये गए तथ्यों के आधार सबूत प्रशासन को सौपेगी

वीएचपी के महामंत्री मिलिंद परांडे ने मिडिया को अवगत कराते हुए कहा कि ‘महाराष्ट्र में स्थानीय स्तर के कुछ सदस्य पालघर गए हुए हैं |

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से दिल्ली की हमारी टीम नहीं भेजी जा सकी है. लेकिन, जल्द ही दिल्ली से एक ‘फैक्ट फाइंडिंग टीम’ को पालघर भेजने की तैयारी कर रहे हैं.

‘इस टीम में ​सेवानिवृत्त जज, संत समाज के वरिष्ठ लोग के अलावा वीएचपी के पदाधिकारी समेत कई समाजों के प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे.’

गौरतलब है, 16 अप्रैल को पालघर जिले के गढ़चिंचले गांव में जूना अखाड़े के दो साधु महंत कल्पवृक्ष महाराज (70 वर्ष), सुशील महाराज (35 वर्ष)और ड्राइवर निलेश तेलगड़े (30 वर्ष) की कुछ लोगों पीटकर हत्या कर दी गई थी

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने पर यह मुद्दा सांप्रदायिक रूप ले लिया था जिसकी वजह से मुख्यमंत्री खुद आगे आए और उन्होंने कहा कि इस घटना में कोई भी साम्प्रदायिकता नहीं था.

साधुओं की हत्या पर अखिल भारतीय संत समिति ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री ​अमित शाह से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई जांच के बजाए सीआईडी के द्वारा जांच शुरु कर दी है जिससे लोगो में नाराजगी है .

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