सनातन धर्म संसद में देवकीनंदन ठाकुर ने उठाई ‘सनातन बोर्ड’ की मांग, नेताओं को भेजा निमंत्रण

दिल्ली: प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने आगामी 16 नवंबर को दिल्ली में सनातन धर्म संसद का आयोजन किया है। इस धर्म संसद में संत-महात्माओं के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे सहित अन्य नेताओं को न्योता भेजा है।

सनातन बोर्ड के गठन की मांग

देवकीनंदन ठाकुर ने मांग की है कि एक ‘सनातन बोर्ड’ का गठन किया जाए जो सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों का संरक्षण और संवर्धन कर सके। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की तरह ही सनातनियों का भी एक स्वतंत्र बोर्ड होना चाहिए जो उनके अधिकारों की रक्षा कर सके। इस आयोजन में साध्वी ऋतंभरा सहित कई नामी संत और महात्मा भी शामिल होंगे। धर्म संसद में सनातन बोर्ड के निर्माण का प्रस्ताव पेश किया जाएगा।

सभी सांसदों से सहयोग की अपील

ठाकुर ने सांसदों से अपील की है कि वे सनातन बोर्ड के गठन में सहयोग करें और इसे संविधान के अनुरूप मान्यता दिलाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि देश में सनातन धर्म से जुड़े पूजा स्थलों पर सरकारी कब्जे और अधिकारों के सीमित होने पर पुनर्विचार जरूरी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा और इसके मूल अधिकारों की सुरक्षा करना सभी का मौलिक कर्तव्य है।

सनातन यात्रा का आयोजन

धर्म संसद के आयोजन के साथ-साथ 17 नवंबर को दिल्ली में एक ‘सनातन यात्रा’ भी निकाली जाएगी। ठाकुर ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करना और धर्म की रक्षा के लिए समाज को एकजुट करना है।

नेताओं को निमंत्रण

सनातन बोर्ड की मांग को लेकर आयोजित इस धर्म संसद में शामिल होने के लिए जिन प्रमुख नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है, उनमें शामिल हैं:

मल्लिकार्जुन खरगे (कांग्रेस अध्यक्ष)

राहुल गांधी (कांग्रेस सांसद)

जेपी नड्डा (बीजेपी अध्यक्ष)

अखिलेश यादव (सपा प्रमुख)

मायावती (बसपा प्रमुख)

उद्धव ठाकरे (शिवसेना प्रमुख)

एकनाथ शिंदे (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री)

अरविंद केजरीवाल (आप नेता)

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातन धर्म संसद का उद्देश्य सभी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों को एक मंच पर लाना है ताकि सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों का समाधान किया जा सके।