श्री आशारामजी बापू को बज्र वाहन में ले जाने पर भक्त हुए आक्रोशित !
जोधपुर: संत आशाराम बापू को वज्र वाहन में अस्पताल ले जाने पर आक्रोशित हुए उनके समर्थक NHRC एवं जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर की शिकायत.. 85 वर्षीय संत आशाराम बापू पिछले 08 वर्षो से जोधपुर कारागार में निरुद्ध हैं। 05 मई 2021 को आशाराम बापू की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें जोधपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसके बाद से वह अभी तक पूर्णतः स्वस्थ नही हो पाए हैं। वर्तमान में आशाराम बापू गंभीरतम सहरुग्णताओं (को-मॉर्बिडिटीज़) तथा प्रोस्टेट आदि की समस्याओं से जूझ रहे हैं जिसके कारण जेल प्रशाशन द्वारा आशाराम बापू को दिनांक 16.08.2021 को चिकित्सा उपचार हेतु जोधपुर कारागार से AIIMS वज्र वाहन में ले जाया गया।
आशाराम बापू को कारागार से AIIMS वज्र वाहन में ले जाने के कारण उनके समर्थकों में भारी आक्रोश है। समर्थकों ने इसकी लिखित शिकायत जोधपुर जेल अधीक्षक, महानिरीक्षक कारागार विभाग राजस्थान एवं राष्ट्रीय/राज्य मानवाधिकार आयोग से करते हुए भविष्य में आशाराम बापू को एम्बुलेंस से ही अस्पताल ले जाने की मांग की है।
समर्थकों का कहना है कि “आशाराम बापू पूर्व में ही कई गंभीर बीमारियों से झूझ रहे थे ऐसे में कोरोना होने के बाद उनका शरीर इतना कमजोर हो गया है कि वह बिना सहारे के चल भी नही सकते तथा प्रोस्टेट आदि की समस्या भी बनी हुई है जिसके क्रम में उन्हें प्रायः चिकित्सकीय परीक्षणार्थ कारागार परिसर से बाहर विभिन्न चिकित्सालयों में आवागमन करते रहना पड़ता है, जिसके लिए जेल प्रशासन द्वारा अधिकांशतः एम्बुलेंस के स्थान पर वज्र वाहन का प्रयोग किया जाता है
जो कि संरचनात्मक रूप से मूलतः एक दंगा नियंत्रण वाहन है, इससे देशभर में समर्थकों की भावनाएं आहत होती है। ऐसे में यह भी अति आवश्यक है कि आशाराम बापू को संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा प्रदत्त उनके मौलिक अधिकारों की अनुरक्षा करते हुए तथा वर्तमान आयु व मेडिकल दशा को ध्यान में रखते हुए उन्हें ऐसा वातावरण व सुविधाएं प्रदान करीं जायें जिसके उनकी रीढ़, अस्थि व सुसंगत अंगों पर अनावश्यक तनाव न पड़े तथा कोई परिहार्य चोट न पहुंचे अन्यथा उन्हें किसी जानलेवा परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है।”