न्यायालय को गुमराह करने के मामले में रिपब्लिक चैनल के एंकर सैयद सोहेल के विरुद्ध दायर याचिका पर न्यायालय का संज्ञान :-

झूठ बोलकर,गवाही देकर न्यायालय को गुमराह किये जाने के मामले में गत 16 सितंबर को शशि चौहान की अदालत में सुनवाई हुई। जिसमे रिपब्लिक चैनल के एंकर सैयद शोहेल के विरुद्ध बीते 30 मई को दायर याचिका पर रिपब्लिक भारत चैनल के सैयद सोहेल द्वारा प्रसारित कार्यक्रम की वीडियो को न्यायालय में पेश किया गया और बाद में शिकायतकर्ता का न्यायालय में बयान दर्ज किया गया।

मामले की पैरवी कर रहे जनजागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार दायर याचिका में कहा गया है कि पोक्सों के तहत पालम विहार थाना में वर्ष 2015 से दर्ज मामले में गत 7 मई को सैयद सोहेल समेत दीपक चौरसिया चित्रा त्रिपाठी,अजित अंजुम आदि के विरुद्ध बेलेबल वारंट जारी हुआ था। जिसमे उक्त 3 आरोपी पेश हुए लेकिन उक्त 4 आरोपी में से सैयद शोहेल ने अपने वकील के माध्यम से न्यायालय के समक्ष लिखित में बीमार होने का हवाला देकर पेश नही हुए। जिसके बाद शिकायत कर्ता संजय पटेल ने उक्त एंकर के विरुद्ध याचिका दायर की थी।

याचिका में यह भी कहा गया कि सैयद सोहेल ने ईद के मौके पर दिल्ली से बाहर अपने स्थानीय गांव लखनऊ में बीमारी का हवाला देकर न्यायालय से पेशी से छूट की मांग की गई जिसपर न्यायालय ने पेशी से छूट दे दी लेकिन वहीं 7 मई को ही दोपहर 3 बजे और रात्रि 9 बजे रिपब्लिक चैनल पर प्राइम टाइम में लाइव कार्यक्रम में देखा गया। इतना ही नही 6 मई को भी रात्रि 9 बजे के प्रसारित कार्यक्रम में भी व्यस्त देखा गया। जिसके बाद इन्ही सबूतों को आधार बनाकर न्यायालय में सैयद सोहेल के विरुद्ध अर्जी लगाई गई। जिस पर न्यायालय ने संज्ञान लेकर बीते 6 जून को शिकायत कर्ता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा के निवेदन पर 6- 7- 8 मई को सैयद सोहेल द्वारा प्रसारित कार्यक्रम की वीडियो को सुरक्षित रखे जाने की मांग पर न्यायालय ने रिपब्लिक चैनल को आदेश जारी कर डाटा सुरक्षित रखकर उस प्रसारित वीडियो को न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया था। ताकि वीडियो के परीक्षण के बाद कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सके। रिपब्लिक चैनल की तरफ से सैयद सोहेल द्वारा कार्यक्रम की उस वीडियो को न्यायालय में पेश किया गया। आगे की सुनवाई हेतु न्यायालय ने 13 अक्टूबर 2022 तारीख पेशी मुकर्रर की है।

गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार थाना क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनल ने बनाए गए वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़ मरोड़ कर अश्लील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था, जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। और आहत होकर परिजनों ने पालम विहार थाने में शिकायत दर्ज कराई थी