दीपक चौरसिया पर हाईकोर्ट ने लगाया 2 लाख रुपए का जुर्माना, निचली अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश!
दिल्ली:नाबालिका के वीडियो को अश्लील बनाकर प्रसारित करने के मामले में आरोपी दीपक चौरसिया ने निचली अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट को पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी कि उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए। साथ ही यह भी मांग की कि निचली अदालत में पेश होने से भी छूट दे दी जाए। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जगमोहन बंसल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दीपक चौरसिया को आगामी 3 मार्च को जिला अदालत गुरुग्राम में पेश होने का आदेश दिया है और साथ ही जमानत बॉन्ड के साथ 2 लाख रुपए की कॉस्ट भी लगाई है ताकि इसका इस्तेमाल पीजीआई के जरुरतमंद मरीजों के उपचार के लिए खर्च किया जा सके।
2 लाख रुपए जरुरतमंद मरीज राहत कोष में जमा कराने का आदेश भी न्यायालय ने दे दिया है। दीपक चौरसिया ने याचिका दाखिल करते हुए गुडगांव जिला अदालत के उस आदेश को रद्द करने की मांग की, जिसके तहत उनके बेल बॉण्ड रद्द कर दिए गए हैं। दीपक चौरसिया के अधिवक्ता पंजाब के एडवोकेट जनरल बिनोद घई ने न्यायालय को बताया कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री का इंटरव्यू होने के चलते वह जिला अदालत में पेश नहीं हो सके थे,और एक जाने माने वरिष्ठ पत्रकार का हवाला देकर निचली अदालत में उपस्थित होने की छूट की मांग की गई। जिसपर पीड़िता के वकील धर्मेंद्र मिश्रा ने पूर जोर विरोध कर यह तर्क दिया कि दीपक चौरसिया को पेशी से छूट विलासिता की श्रेणी में आएगी और अदालत को याचिकाकर्ता को कोई विलासिता नहीं देनी चाहिए। उन्होंने जानबूझकर मुकदमे में देरी की है और वह मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं। जिसके बाद न्यायलाय में इस याचिका पर सुनवाई की तारीख 10 मार्च मुकर्रर की है।
इस मामले की पैरवी कर रहे सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरीशंकर कुमार का कहना है कि इस मामले के आरोपी दीपक चौरसिया ने एफ.आई.आर को रद्द किए जाने से संबंधित याचिका भी दायर की हुई है। जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी। इस याचिका पर सुनवाई हाईकोर्ट 10 मार्च को ही करेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडकर अश्लील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरि शंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है।