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बाबा रामदेव को दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार, आपत्तिजनक बयान न दोहराने का दिया आश्वासन

नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव ने दिल्ली हाईकोर्ट को आश्वस्त किया है कि वह भविष्य में हमदर्द के ‘रूह अफजा’ के खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करेंगे और न ही सोशल मीडिया पर ऐसा कोई पोस्ट साझा करेंगे। यह हलफनामा उन्होंने अदालत के आदेश के तहत शुक्रवार को दाखिल किया।

मामला पतंजलि द्वारा प्रचारित “गुलाब शरबत” से जुड़ा है, जिसके प्रचार के दौरान बाबा रामदेव ने कथित रूप से यह टिप्पणी की थी कि “रूह अफजा की बिक्री से अर्जित धन का उपयोग मदरसों और मस्जिदों के निर्माण में किया जाता है।” इस पर आपत्ति जताते हुए हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

न्यायमूर्ति अमित बंसल की अदालत ने 1 मई को आदेश जारी करते हुए रामदेव और पतंजलि को विवादास्पद सामग्री हटाने को कहा था। अदालत ने 22 अप्रैल को भी रामदेव और पतंजलि से हलफनामा मांगा था कि वे भविष्य में प्रतिस्पर्धियों के उत्पादों के संबंध में कोई आपत्तिजनक बयान या प्रचार सामग्री जारी नहीं करेंगे।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हमदर्द की ओर से अदालत को बताया गया कि रामदेव ने संबंधित यूट्यूब वीडियो को हटाने के बजाय उसे सिर्फ “प्राइवेट” किया है। इस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर की और रामदेव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी दी।

रामदेव के वकील ने अदालत से समय की मांग करते हुए कहा, “हम अदालत का पूरा सम्मान करते हैं और उसके निर्देशों का पालन किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि वे 24 घंटे के भीतर सभी विवादास्पद सामग्री हटा देंगे।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 9 मई को तय की है।