अमेरिकी कंपनी ने खोजा गाय की एंटीबॉडी से जल्द होगी कोरोना का इलाज

नई दिल्ली:  जैसा कि हिन्दू धर्म मे  शास्त्र के अनुसार गाय में 33 कोटि देवी देवता का निवास होता है। यह भी कहा जाता है कि मूत्र में गंगा और गोबर में लक्ष्मी के निवास से गाय के मूत्र और गोबर मनुष्य के लिए बहुत ही उपयोगी  माना गया है।

वर्तमान में  कोरोना महामारी से पूरे विश्व ग्रस्त है देश के वैज्ञानिको द्वारा अपने अपने स्तर से बैक्सीन के लिए रिषर्च भी जारी है।
वहीँ कुछ वैज्ञानिकों ने कई प्रयोग के बाद गाय के शरीर की एंटीबॉडीज को इंसानी एंटीबॉडी की तुलना में कारगर और सक्रीय पाया है। गाय का उपयोग कोरोना वायरस को खत्म करने में किया जा सकता है. ये दावा अमेरिका की एक बायोटेक कंपनी ने किया है.

अमेरिकी दवा कंपनी ने इसका उपयोग कई शोध के बाद किया। बायेटेक कंपनी सैब बायोथेराप्यूटिक्स ने कहा है कि जेनेटिकली मॉडीफाइड गायों के शरीर से एंटीबॉडी निकाल कर उनसे कोरोना वायरस को खत्म करने की दवा बनाई जा सकती है।

जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में संक्रामक बीमारियों के फिजिशियन अमेश अदाल्जा ने भी गाय की एंटीबॉडी को कारगर बताया है।

मशहूर रिसर्चर और कोरोना पर शोध कर रहे एडी ने बताया कि दुनिया की ज्यादातर कंपनियां कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी विकसित करने में जुटी हैं. उनके मुताबिक गायों के साथ अच्छी बात ये है कि ये पॉलीक्लोनल एंटीबॉडी बनाती हैं. ये किसी भी वायरस को खत्म करने के मामले में किसी भी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी से ज्यादा सक्षम होते हैं.

एडी सुलिवन ने भी कहा कि जब मिडिल ईस्ट रेस्पोरेटरी सिंड्रोम (MERS) आया था, तभी भी हमने यह रास्ता चुना था. वहीं से हमें पता चल पाया कि गाय के एंटीबॉडी में बाकी जीवों के एंटीबॉडी की तुलना में ज्यादा ताकत होती है.

सुलिवन ने कहा कि 7 हफ्ते के अंदर गाय के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार हो रही हैं। जांच के बाद यह पता चला कि गाय के शरीर में बन रहे एंटीबॉडी ने कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को खत्म कर देने की शक्ति है.

वैज्ञानिकों के जांच यह पाया गया कि  यह इंसानी प्लाज्मा थैरेपी यानी कोवैलेसेंट प्लाज्मा थैरेपी से चार गुना ज्यादा ताकतवर है. तथा कोरोना वायरस को इंसान के शरीर की कोशिकाओं में घुसने ही नहीं देता। कुछ ही हफ्तों में गाय की एंटीबॉडी का इंसानी क्लीनिकल ट्रायल शुरू करेंगे. ताकि यह पता कर सकें कि यह इंसानों में कितना कारगर है. हमें उम्मीद है कि गाय से निकाली गई एंटीबॉडी बाकी अन्य दवाओं और इलाज से बेहतर होगा. यदि यह रिसर्च कामयाब रही तो जल्द ही कोरोना की रवानगी पर मुहर लग सकती है.

दुनिया में तांडव मचा रहे कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवा नहीं बन पाई है, वैज्ञानिक दिन रात कोरोना वायरस की वैक्सीन की खोज में लगे हुए हैं। अब कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक इलाज खोजा है गाय के शरीर में यह इलाज है। गाय के शरीर के एंटीबॉडीज का इस्तेमाल कर कोरोना वायरस को समाप्त करने में सफलता मिल सकती है। अमेरिका की एक बायोटेक कंपनी सैब बायोथेराप्यूटिक्स ने यह दावा किया है। कंपनी जल्द ही इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने वाली है। कंपनी गायों में जेनेटिक बदलाव करती है। ताकि उनके इम्यून सेल्स और ज्यादा विकसित हो सकें। खतरनाक बीमारियों से लड़ सकें। साथ ही ये गाय ज्यादा मात्रा में एंटीबॉडीज बनाती हैं, जिनका उपयोग इंसानों को ठीक करने में किया जा सकता है। गायों की एंटीबॉडीज में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को खत्म करने की ताकत है। गाय अपने आप में एक बायोरिएक्टर है। वह भयानक से भयानक बीमारियों से टकराने के लिए भारी मात्रा में एंटीबॉडीज बनाती है। जिससे कोरोना महामारी पर विजय  पाया जा सकता है।







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