योगी सरकार का बड़ा फैसला यूपी के कर्म चरियों को भी मिलेगा त्योहारी एडवांस और बोनस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की तरह प्रदेश के कर्मचारियों को भी त्योहारी एडवांस देने का एलान किया है। उन्होंने वित्त विभाग को योजना तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। वहीं, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने दीवाली का बोनस भी समय पर देने का स्पष्ट संकेत किया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र द्वारा घोषित योजना का अध्ययन किया जा रहा है। सीएम से विचार-विमर्श कर जल्दी ही निर्णय ले लिया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्र ने अपने कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के बदले नकदी वाउचर और खरीदारी के लिए 10 हजार रुपये अग्रिम देने का एलान किया है।
दिवाली बोनस के सवाल पर उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को परंपरागत तौर पर जो भी लाभ मिलता रहा है, सरकार उसे देगी
कोरोना आपदा के बीच प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुधर रही है। पिछले वर्ष के अगस्त के मुकाबले इस वर्ष अगस्त में 600 करोड़ और सितंबर के मुकाबले इस वर्ष सितंबर में 890 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। 16 लाख कर्मियों को मिलेगा तोहफा
अगर प्रदेश सरकार ने केंद्र की तरह त्योहारी अग्रिम व एलटीसी के बदले नकदी वाउचर के भुगतान का फैसला किया तो करीब 16 लाख कर्मचारी फायदा पाएंगे। प्रदेश में राज्य कर्मियों के 12.40 लाख पद, सार्वजनिक क्षेत्र के करीब एक लाख और सहायतित संस्थाओं के 7.12 लाख पद हैं। इनमें से करीब 16 लाख कार्यरत हैं। इन्हें यदि 10 हजार रुपये एडवांस दिया जाता है तो सरकार पर 1600 करोड़ रुपये का व्यय भार आने का अनुमान है।
कर्मचारी चाहें पूरे बोनस का भुगतान प्रदेश सरकार 4,800 रुपये ग्रेड पे तक वाले अराजपत्रित कर्मचारियों को बोनस देती है। करीब 14.24 लाख कर्मचारियों को एक माह का बोनस मिलता रहा है। इसके लिए मासिक परिलब्धियों की अधिकतम सीमा 7,000 रुपये तय है। 30 दिन का बोनस मानकर 6908 रुपये देने की व्यवस्था है।
सरकार बोनस का कुछ हिस्सा जीपीएफ में जबकि कुछ नकद देती रही है। इस पर 967 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च आता है। कोरोना काल में देखना यह है कि सरकार पूरा बोनस नकद देती है या आंशिक ही। सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कि मौजूदा परिस्थितियों में कर्मचारी पूरा बोनस नकद चाहते हैं, ताकि उनके पास खर्च के लिए कुछ अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध हो सके।
क्रय शक्ति बढ़ेगी, बाजार को मिलेगी रफ्तार
कोरोना महामारी के दौरान कई भत्तों को समाप्त किए जाने और डीए को स्थगित किए जाने से कर्मचारी खुलकर खर्च नहीं कर पा रहे हैं। त्योहारी अग्रिम, बोनस भुगतान व अन्य उपायों से उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी। इसका फायदा पटरी पर आ रही अर्थव्यवस्था को और रफ्तार मिलने की संभावना है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया जीएसटी काउंसिल में पूर्व से तय है कि जीएसटी कलेक्शन में अंतर की राशि केंद्र सेस लगाकर पूरी करेगा। कोविड-19 के चलते जीएसटी कलेक्शन पर असर पड़ा है। केंद्र ने इसकी भरपाई के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे।
यूपी ने पहले विकल्प को चुना है, जिसमें राज्य आरबीआई के माध्यम से कर्ज लेगा और केंद्र मूल व ब्याज का भुगतान करेगा। उन्होंने बताया कि केंद्र के मुताबिक यूपी का जीएसटी कलेक्शन में अंतर करीब 11 हजार करोड़ बन रहा है।
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने को केंद्र से मांगे 6600 करोड़
प्रदेश को फिलहाल 4809 करोड़ केंद्र से पाना था, लेकिन पिछले दिनों केवल 1643 करोड़ ही मिले। प्रदेश सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह आरबीआई के माध्यम से प्रदेश को 6600 करोड़ रुपये का ऋण जल्द से जल्द दिलाए। इससे प्रदेश को अपनी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी।