एनसीपी प्रवक्ता डिबेट में बोले यूपी में भोजपुरी इंडस्ट्री क्यों नही खोलते सीएम योगी
यूपी में फिल्म सिटी स्थापित करने के लिए बॉलीवुड के बड़े फिल्मकारों से मिलने और उनसे इस पर चर्चा के लिए मुंबई गए सीएम योगी आदित्यनाथ का शिवसेना और एनसीपी के विरोध पर बहस शुरू हो गई है। शिवसेना का आरोप है कि यूपी के मुख्यमंत्री बॉलीवुड को यहां से ले जाने की बात कर रहे हैं। वहीं एनसीपी ने इसे मुंबई को लूटने की संज्ञा दी है। लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने शिवसेना और एनसीपी के विरोध को हास्यास्पद बताया और कहा नोएडा में फिल्म सिटी बनने से हिंदी सिनेमा का और विकास होगा।
न्यूज चैनल आजतक के दंगल कार्यक्रम में एंकर रोहित सरदाना के साथ डिबेट में एनसीपी नेता क्लाइड क्रास्तो ने कहा कि मुंबई को धीरे-धीरे लूटा जा रहा है।हर चीज को यहां ले जाने की बातें हो रही हैं। उन्होंने कैलाश खेर के एक गीत “लूटा-लूटा किसने उसको ऐसे लूटा फिर उड़ न पाया” को कोट करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ मुंबई को लूटने आए हैं। कहा, “पहले भी ऐसा होता रहा है, वही अब भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर योगी जी को करना ही है तो यूपी में भोजपुरी इंडस्ट्री को खोलें। क्यों न उसका विकास करें। उनके तो दो प्रख्यात सांसद भी भोजपुरी से हैं। मनोज तिवारी और रवि किशन जी। इससे उनको भी फायदा हो जाएगा।”
इस पर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने इसे हास्यास्पद बताया। कहा “भोजपुरी इंडस्ट्री उसी इंडस्ट्री का हिस्सा है। सीएम योगी जी ने कहा है कि वह पूरी दुनिया के लिए फिल्म इंडस्ट्री बना रहे हैं। वह बोले हैं कि हिंदुस्तान की 5 बिलियन इकोनामी में हम हिस्सा बंटाना चाहते हैं। वह वैश्विक सोच की बात कर रहे हैं।”
कहा कि बॉलीवुड का कौन सा ऐसा व्यक्ति है जो यूपी में फिल्म इंडस्ट्री की स्थापना से खुश नहीं है। उन्होंने कहा लता जी 22 भाषाओं में गीत गा चुकी हैं। वह किसी एक इंडस्ट्री की नहीं है। बोलीं कि हर कलाकार चाहता है कि उसे एक से अधिक अवसर मिले। इससे अच्छी बात क्या होगी? कहा कि हर उद्योगपति चाहता है कि उसकी शाखाएं फैलें। यह बहुआयामी काम है।
फिल्म डायरेक्टर शोएब चौधरी ने कहा कि “फिल्मसिटी नोएडा में बनना गौरव की बात है, लेकिन इस पर अमल हुआ तो ठीक है नहीं तो यह प्रस्ताव भी पहले की तरह एक प्रस्ताव ही रह जाएगा। कहा कि पहले भी इसकी कोशिश हुई थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं। कहा कि नोएडा क्राइम कैपिटल है, सरकार उसके लिए क्या कर रही है, यह भी साफ होना चाहिए। एक हजार एकड़ रियल इस्टेट लैंड वेस्टेज न हो जाए, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।”