नाबालिग के वीडियो को तोड़ मरोड़कर प्रसारित मामले में मीडियाकर्मी अजित अंजुम को नहीं मिली राहत
गत 14 दिसम्बर को गुरुग्राम सेसन कोर्ट से पोक्सों एक्ट के मामले में न्यूज 24 के पूर्व एडिटर इन चीफ अजित अंजुम को नही मिली राहत। दरअसल अजित अंजुम पर एक नाबालिग बच्ची उ उसके परिवार के निजी वीडियो को तोड़ मरोड़करकर व अश्लील तरीके से प्रसारित करने का एक मामला जो वर्ष 2013 से पोक्सों के अंतर्गत दर्ज थी। जिसमे चंडीगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश पर गुरुग्राम पुलिस ने अजित अंजुम व दीपक चौरसिया सहित उनके सहयोगियों के विरुद्ध पोक्सों व अन्य धारा के तहत दोषी मानकर चार्जशीट गुरुग्राम सेसन न्यायालय में पेश की थी। जिसके बाद सामाजिक संगठनों द्वारा सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की माँग की जा रही थी।
उसी प्रकरण में आरोपी (अजित अंजुम) गिरफ्तारी से बचने के लिए गुरुग्राम सेसन कोर्ट के समक्ष बेल लेने के लिए अर्जी लगाई थी। जिसमे सबूतों के आधार पर आरोपियों के अपराध को देखते हुए अथवा न्यायालय के नकारात्मक रुख को देखते हुए आरोपी के वकील ने बेल की अर्जी वापस ले ली। इस केस की पैरवी करने वाली संस्था जन जागरण मंच के अध्य्क्ष हरिशंकर का कहना है वर्ष 2013 में जीरो fir दर्ज हुई थी और उसके दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2015 में गुरुग्राम के पालम विहार थाना में पोक्सो एक्ट 13(C), आईटी एक्ट 67(B), 469,471,120(B) के तहत FIR दर्ज हुई थी। जिसमे पुलिस द्वारा कार्यवाही नही किये जाने पर पीड़िता परिवार द्वारा मामले को उच्च न्यायालय में ले जाने पर सबूतों के आधार पर पुलिस ने अजित अंजुम आदि के विरुद्ध पोक्सों एक्ट13(C),14(1) 23 आईटी एक्ट 67(B),120(B), 469, 471 के तहत दोषी मानकर उनके विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय के समक्ष पेश किया।।