पॉक्सो के मामले में दीपक चौरसिया,चित्रा त्रिपाठी समेत 8 आरोपी न्यायालय में हुए पेश,पुलिस के अधिकारियों पर जुर्माना के साथ गैर जमानती वारंट जारी .

गुरुग्राम: नाबालिका के वीडियो को तोड़ मरोड़ कर प्रसारित करने का मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती शशि चौहान की अदालत में चल रहा है। गत 16 दिसंबर 2022 को अदालत में सभी आठ आरोपी दीपक चौरसिया,चित्रा त्रिपाठी,अजीत अंजुम,सैयद सोहेल, राशिद,सुनील दत्त ललित बडगुर्जर सभी अपने अधिवक्ताओं के साथ अदालत में पेश हुए।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ अन्य आरोपी जैसे कार्तिकेय शर्मा,अनुराधा प्रसाद,धीरज भटनागर के खिलाफ मुकदमा बंद करने पर पुलिस से कोर्ट द्वारा दस्तावेज मांगा गया था। गत 16 दिसंबर को जांच अधिकारी (इंस्पेक्टर संजय,जितेंद्र) जिसने कार्रवाई बंद करने की चार्जशीट फाइल की थी वह उपस्थित नही हुए और न ही कोई जवाब पेश किया। जिस कारण अदालत ने उन दोनो अधिकारियों पर 2000 रुपए का जुर्माना लगाकर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। जिन SIT के अधिकारी ने आरोपियों के विरुद्ध पहला चार्जशीट फाइल की थी उन्होंने कोर्ट में चार्जशीट को सही तरीके से फाइल नही करने के बारे में अपना जवाब दायर किया। तथा दूसरा चार्जशीट जिसमें दीपक चौरसिया के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था वे अनुपस्थित थे और न्यायालय के द्वारा मांगी गई जानकारी पर कार्रवाई के बारे में कोई जवाब दाखिल नही किया गया। इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 11 जनवरी निर्धारित की है।

मामले की पैरवी कर रही सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले की सुनवाई 16 दिसंबर के आदेश की प्रति कुछ दिन बाद मिली है। यह मामला वर्ष 2015 की 19 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई थी अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि पुलिस अधिकारियों पर जो जुर्माना लगाया गया है वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराया जाए साथ ही सरकारी वकील को आदेश दिए हैं कि जिन तथाकथित आरोपियों को इस मामले से निकाला गया है उनकी स्टेटस रिपोर्ट 11 जनवरी को अदालत में पेश किया जाय ताकि मामले पर आगे सुनवाई हो सके। गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार काल्पनिक नाम के घर संत आसाराम बापू आए थे बापू ने परिवार के सदस्यों उनकी 10 वर्षीय भतीजी को आशीर्वाद दिया था उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाए गए वीडियो को प्रसारित किया था जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़ मरोड़ कर अश्लील अवैध तरीके से प्रसारित किया गया था जिससे परिवार का मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है।