देश के मशहूर पत्रकार चित्रा त्रिपाठी,दीपक चौरसिया, अजीत अंजुम समेत 8 पत्रकार बार बार न्यायालय में हो रहे हैं पेश!!

गुरुग्राम:एक नाबालिग की वीडियो को अश्लील बनाकर प्रसारित करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मति शशि चौहान की अदालत में देश के 8 मशहूर पत्रकारो को कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ रहा है। बीते 21 नवंबर को गुरुग्राम के पॉक्सो की आदालत में देश के 8 बड़े पत्रकार ,अजीत अंजुम,चित्रा त्रिपाठी,दीपक चौरसिया,सैयद सोहेल, अभिनव राज, सुनील दत्त,ललित सिंह,राशिद के साथ 3 पुलिस के आलाधिकारी भी पेश हुए। कोर्ट की कार्यवाही में सभी आरोपीयों को घटना की सीडी/डीवीडी उपलब्ध कराई गई ताकि जल्द से जल्द आरोप तय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके

आखिर क्यों कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं आरोपी

केस की पैरवी कर रहे जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार का कहना है कि मामला वर्ष 2013 का है जब काल्पनिक नाम सतीश कुमार के घर आशाराम बापू फैगफेरे के लिए आए थे। उसी दौरान सतीश कुमार के दस वर्षीय भतीजी को आशाराम बापू आशीर्वाद दिए थे। लेकिन महीनों बाद आशाराम बापू के केस में उनकी गिरफ्तारी के बाद trp के लिए सतीश कुमार के घर के फैगफेरे की विडियो को इंडिया न्यूज़ न्यूज 24, न्यूज नेशन के सदस्यों ने तोड़मरोड़कर अश्लील ढंग से प्रसारित किया था। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने गुरुग्राम के पालम विहार थाने में दर्ज शिकायत पर एफआईआर दर्ज किया गया।

मामले में पीड़ित परिवार का पुलिस पर आरोपीयों को बचाने का है आरोप

इस मामले में पुलिस पर आरोपीयों को बचाने का आरोप लगता आया है। हरिशंकर से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में पुलिस द्वारा सबूतों के अभाव का हवाला देकर तीन बार केस को बंद कर दिया गया। यहां तक पूर्ण एफ आई आर को दर्ज कराने में पीड़ित परिवार को हाइकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट का चक्कर काटना पड़ा तब जाकर जीरो एफआईआर से पूर्ण fir दर्ज किया गया। उसके बाद भी पुलिस द्वारा आरोपीयों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ा गया। बड़ा संघर्ष के बाद पीड़ित परिवार ने जागरण मंच का सहयोग पाकर आरोपियों के विरुद्ध हिम्मत जुटाकर हाईकोर्ट में गुहार लगाने पर, हाईकोर्ट के आदेश पर मजबूरन पुलिस को पुनः अनुसंधान शुरू किया और 2020- 2021 में आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया