आशाराम बापू प्रकरण मे अतिरिक्त साक्ष्य प्रस्तुत करने की अर्जी पर हाइकोर्ट का सरकार को नोटिस,सरकारी पक्ष ने जवाब के लिए मांगा समय

जोधपुर में निचली कोर्ट से सजा काट रहे आशाराम बापू के मामले में जोधपुर उच्च न्यायालय द्वारा त्वरित सुनवाई से उनके भक्तों में एक नई उम्मीद की किरण जगने लगी है। वही एक सामाजिक संस्था जन जागरण मंच भी जो उन्हें न्याय दिलाने के प्रयास में जुटी है। संस्था के अध्यक्ष हरिशंकर का कहना है भविष्य में आशाराम बापू के विरुद किये गये षडयंत्र का उजागर होना बिकुल तय है। उन्होंने बताया कि आशाराम बापू प्रकरण में जोधपुर सेसन कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जोधपुर उच्च न्यायालय में अपील के साथ ही अतिरिक्त साक्ष्य प्रस्तुत करने को लेकर एक अर्जी लगाई गयी , जिसमे बीते गत 7 जनवरी को शिल्पी (सह आरोपी) की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने जाँच अधिकारी dcp लाम्बा के विरुद्ध अतिरिक्त साक्ष्य पेश कर उसके आधार पर न्यायालय से जाँच अधिकारी dcp लाम्बा को तलब व साक्ष्य प्रस्तुत करने को लेकर बहस की थी । जिसपर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेकर बीते गत वरिष्ठ जाँच अधिकारी dcp अजय पाल लाम्बा जो जाँच के समय संबंधित समय पर डीसीपी (पश्चिमी) के रूप में तैनात थे और उन्होने घटना स्थल का दौरा कर एक वीडियो को तैयार किया था । जिसको लेकर न्यायालय ने (dcp लांबा) को तलब करने के आदेश देकर 13 जनवरी की तारीख मुकर्रर की थी। जिसमे राजस्थान सरकार की तरफ से पेश वकील पीसी सोलंकी ने जवाब देने के लिए समय मांगा था। जिसके बाद न्यायालय द्वारा 18 जनवरी की मुकर्रर तारीख पर एक बार फिर सरकारी पक्ष के वकील पीसी सोलंकी ने अस्वस्थ का हवाला देकर पेश नही हुए। आगे यह देखना लाजमी होगा कि 20 जनवरी को सरकार की तरफ से बकील पेश होकर अपनी दलील रखेंगे या कोई और ही योजना अपनाएंगे? जन जागरण के अध्यक्ष हरिशंकर का यह भी कहना है कि dcp लाम्बा द्वारा लिखी गयी किताब से यह स्पष्ट है कि जोधपुर पुलिस ने मिलिभगत कर षडयंत्र कर केस को प्रभावित करने का प्रयास किया है क्योंकि मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने के वाबजूद एक वरिष्ठ जाँच अधिकारी द्वारा किसी व्यकित के जीवन से संबंधित व उनके छवि को प्रभावित करने आशय से पुस्तक लिख देना किसी आपराधिक षड्यंत्र से कम नही हो सकता,जो अब धीरे धीरे सामने आने लगी है। क्योंकि इसी प्रकरण से जुड़ा एक मामला जो गुरुग्राम में भी चल रहा है जिसमे एक निजी परिवार के वीडियो को तोड़मरोड़कर कर प्रसारित मामले में जोधपुर पुलिस की संलिप्ता भी नजर आने लगी है।

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