कोरोना के इस महामारी में आशारामजी बापू को पैरोल नही मिलने पर उनके भक्तों ने जताई नाराजगी

नई दिल्ली: पुलिस व न्याय प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण अक्सर गुनहगार बच जाते हैं, और बेगुनाह व्यक्ति जो झूठे केस में फ़साएँ गए हो उनको कई बार सजा हो जाती है।

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार आज जेलों में गुनाहगारों से निर्दोष कैदियों की संख्या ज्यादा है |कोरोना संक्रमण जोधपुर,जयपुर, दिल्ली आदि की अनेकों जेलों में तेजी से पैर पसार रहा है । जेलों में न तो स्वच्छता पर ध्यान दिया जा रहा है,न ही सोशल डिस्टैंसिंग पर और न ही पौष्टिक आहार पर ,डब्लू.एच.ओ ने भी अपने एडवाजरी में कहा है कि इससे बच्चों व बुजुर्गों के जान को ज्यादा खतरा है। सुप्रीमकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया और कहा कि जेल से वैसे कैदियों को पेरोल या जमानत पर छोड़  दिया जाय खास कर जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है। इसी आधार को लेकर संत आशारामजी बापू के भक्त की तरफ से कई बार जमानत और पेरोल की अर्जी लगा चुके हैं लेकिन आजतक उन्हें कोई राहत नही दिया गया है ।

ऐसे में उनके भक्तों का कहना है कि यदि निर्दोष संत आशाराम जी बापू को कोरोना के कारण कुछ होता है, तो उसका जिम्मेदार पुलिस, प्रशासन, न्यायपालिका और राजनेता सभी होंगे

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