पंजाब में बढ़ रही पगड़ी वाले ईसाइयों की संख्या एक चिंता का विषय

जिस धर्म की स्थापना ही धर्म की रक्षा के लिए की गई हो, जिस धर्म के गुरुओं और उनके बेटों ने धर्मांतरण की जगह मृत्यु को स्वीकार करते हुए बलिदान दिया हो – उस धर्म के लोगों को धर्मांतरण के जाल में उलझ कर किसी और धर्म का गुणगान करते देखना किसी के लिए भी दुःखद हो सकता है। हालाँकि, पंजाब में ईसाई मिशनरियों के इशारे पर नाचते पादरियों के ‘फरेब जाल’ में फँस कर लाखों सिख अब येशु-येशु करते दिख रहे हैं।

‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में पटियाला से लेकर पठानकोट तक और फाजिल्का से लेकर रूपनगर तक सभी 23 जिले ईसाई मिशनरियों द्वारा फैलाए गए धर्मांतरण जाल में उलझे हुए हैं। यदि यह कहा जाए कि पंजाब में धर्मांतरण का बाजार और इसमें संलिप्त पादरियों का साम्राज्य फल-फूल रहा है तो बिल्कुल गलत नहीं होगा। आज पंजाब में ऐसे हजारों पादरी हैं, जिनकी तथाकथित ‘धर्म सभाओं’ में पगड़ी वाले ईसाइयों की भीड़ दिखाई देती है। पगड़ी वाले ईसाई का मतलब उन लोगों से है जो सिख से ईसाई बन गए।

पंजाब में धर्मांतरण के आँकड़े चौंकाने वाले हैं। इन आँकड़ों को एक वाक्य में समझना हो तो ऐसे समझिए कि साल 2008 में शुरू हुई ‘अंकुर नरूला मिनिस्ट्री’ महज 3 अनुयायियों के साथ शुरू हुई थी। लेकिन महज 14 सालों में इस मिनिस्ट्री से जुड़े लोगों की संख्या 3 लाख से अधिक हो गई है। ये आँकड़े सिर्फ एक पादरी के हैं। अनुमान के मुताबिक, पूरे पंजाब में ईसाइयत का आडंबर रचने के लिए 65000 पादरियों की फौज काम कर रही है।

पंजाब में ऐसे कई पादरी हैं जिनकी प्रत्येक रविवार की प्रार्थना सभा में हजारों लोग पहुँचते हैं। पादरियों के कार्यक्रम को बाकायदा वीडियो बना कर प्रसारित किया जाता है। इनके सोशल मीडिया से लेकर यूट्यूब तक लाखों फॉलोवर्स हैं। यहाँ सबसे अधिक चर्चित पादरी बजिंदर सिंह प्रोफेट बजिंदर सिंह है, जो खुद को ईसा मसीह का पैगंबर बताता है। इसके यूट्यूब पर 18 लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं और वीडियो पर लाखों में व्यूज भी आते हैं। वहीं, फेसबुक में 7 लाख से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं।

बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार हो चुके ढोंगी पादरी बजिंदर सिंह ‘बिग हीलिंग क्रुसेड’ नामक कार्यक्रम आयोजित कराता है। इन कार्यक्रमों में वह भूत-प्रेत भगाने, बीमारी ठीक करने यहाँ तक कि मरे लोगों को जिंदा करने का दावा करता है। इसके जरिए वह लोगों को येशु के प्रति आस्थावान होने को कहता है और यहीं से शुरू हो जाता है धर्मांतरण का खेल

दूसरे चर्चित पादरी का नाम अंकुर यूसुफ नरूला है, जिसे लोग अंकुर नरूला के नाम से जानते हैं। वहीं, धर्मांतरण का शिकार हुए लोग इसे ‘पापा’ कहते हैं। जालंधर के हिंदू खत्री परिवार में जन्मा नरूला कहता है कि वह अफ्रीका के ईसाई पादरियों का वीडियो देखता था, फिर उसने दावा किया कि सपने में येशु ने उसे पादरी बनने के लिए कहा है। उसने ‘अंकुर नरूला मिनिस्ट्री’ की स्थापना की है। नरूला ने जालंधर के खाँबड़ा गाँव 65 एकड़ से अधिक क्षेत्र में धर्मांतरण का साम्राज्य स्थापित किया हुआ है।

इसके अलावा पंजाब के 9 जिलों व बिहार और बंगाल के साथ ही अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और ग्रेटर लंदन के हैरो में भी उसके ठिकाने हैं।

सोशल मीडिया में अंकुर नरूला लंबे समय से एक्टिव है। अकेले फेसबुक में ही उसके 5.5 लाख फॉलोवर्स हैं। वहीं, यूट्यूब में 12.6 लाख सब्सक्राइबर हैं। इसके फ़ॉलोअर्स की फौज बड़ी है। रविवार को इसकी सभा में 10-15 हजार लोग इकट्ठे होते हैं। वहाँ, यह सुरक्षा कर्मियों के घेरे में खड़े होकर हालालुइया और येशु-येशु के नारे लगवाकर चमत्कार करने के दावे करता है।