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राष्ट्रपति भवन में जन जागरण मंच द्वारा “भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने” संबंधी ज्ञापन सौंपा गया।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में जन जागरण मंच के राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल ने एक महत्वपूर्ण ज्ञापन माननीय राष्ट्रपति महोदया को संबोधित करते हुए सौंपा। ज्ञापन में भारत को “हिंदू राष्ट्र” घोषित किए जाने, हिंदू समाज की सुरक्षा, गौ-रक्षा, धर्मांतरण पर रोक तथा सनातन संस्कृति आधारित राष्ट्रीय नीतियों को लागू करने जैसी प्रमुख मांगें रखी गईं। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने ज्ञापन को विधिवत रिसीव कर उसका प्रत्ययन (Acknowledgement Receipt) मंच को सौंपा।
मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिशंकर कुमार के नेतृत्व में पहुँचे प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह ज्ञापन देश की सांस्कृतिक पहचान, सनातन मूल्यों और राष्ट्र की सभ्यता को सुरक्षित रखने की दिशा में एक जनभावना आधारित शांतिपूर्ण प्रयास है।
ज्ञापन में मंच ने कहा कि—भारत की आत्मा, सभ्यता और राष्ट्रीय चरित्र का मूल आधार सनातन हिंदू संस्कृति है। वर्तमान परिस्थितियों में देश में तेजी से बढ़ते धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग, सामाजिक असंतुलन, एवं सांस्कृतिक विघटन को देखते हुए संवैधानिक स्तर पर हिंदू राष्ट्र की स्थापना आवश्यक है। देश के कई राज्यों में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हो चुका है, जिससे सांस्कृतिक भविष्य पर गंभीर संकट खड़ा है। गौ-रक्षा कानूनों को मजबूती देने और धर्मांतरण विरोधी कानून को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की मांग भी जोरदार रूप से उठाई गई। “हिंदू राष्ट्र” का अर्थ किसी समुदाय का विरोध नहीं — ज्ञापन
मंच ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि हिंदू राष्ट्र की अवधारणा किसी भी धर्म या समुदाय के बहिष्कार का प्रतीक नहीं है। यह केवल भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का संवैधानिक सम्मान है। मंच ने कहा कि “जैसे विश्व के कई इस्लामिक एवं क्रिश्चियन राष्ट्र अपने बहुसंख्यक धर्म को मान्यता देते हैं, उसी प्रकार भारत भी अपनी बहुसंख्यक सांस्कृतिक पहचान का सम्मान करे।”
ज्ञापन में हाल ही में सम्पन्न बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के आह्वान पर हुई दिल्ली से वृंदावन तक की पदयात्रा का उल्लेख करते हुए कहा गया कि करोड़ों हिंदुओं की यह एकजुटता राष्ट्र के चरित्र को पुनर्स्थापित करने की मांग को दर्शाती है।
जन जागरण मंच ने ज्ञापन में भारत को संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। और गौ-रक्षा को राज्य नीति व मौलिक कर्तव्य के रूप में शामिल किया जाए। साथ ही सम्पूर्ण देश में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया जाए। शिक्षा प्रणाली में भारतीय संस्कृति, संस्कृत भाषा, वैदिक अध्ययन को अनिवार्य बनाया जाए।
मठ-मंदिरों व संत समाज की सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए। विदेशी धार्मिक फंडिंग पर कड़ा नियंत्रण हेतु विशेष विधेयक लाया जाए।
ज्ञापन सौंपने के बाद जन जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिशंकर कुमार ने कहा “हमने आज राष्ट्रपति भवन में जाकर राष्ट्रहित और संस्कृति संरक्षण की आवाज उठाई है। हमारा उद्देश्य किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि भारत की सनातन पहचान की रक्षा और राष्ट्र को सही दिशा देना है। राष्ट्रपति भवन द्वारा ज्ञापन की रिसीविंग हमें आश्वस्त करती है कि हमारी मांगें राष्ट्र के सर्वोच्च पद तक पहुँच चुकी हैं।”