KGMU विवाद: धर्मांतरण के आरोपों पर योगी सरकार सख्त, आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर निलंबित, कैंपस से बाहर किया गया

KGMU विवाद: धर्मांतरण के आरोपों पर योगी सरकार सख्त, आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर निलंबित, कैंपस से बाहर किया गया

लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में सामने आए धर्मांतरण और शोषण के गंभीर आरोपों ने प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद पैथोलॉजी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में उसके प्रवेश पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।

पीड़ित महिला डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने पहचान छिपाकर प्रेम संबंध बनाए, शादी का झूठा वादा किया और बाद में धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। पीड़िता का कहना है कि मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न इतना बढ़ गया कि उसने 17 दिसंबर को हॉस्टल में जहरीली गोलियां खाकर आत्महत्या की कोशिश की।

मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला, जांच के आदेश

पीड़िता ने खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रकरण को बेहद गंभीर मानते हुए केजीएमयू प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी और निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए। इसके बाद विश्वविद्यालय ने आरोपी डॉक्टर को सस्पेंड करते हुए कैंपस में उसकी किसी भी गतिविधि पर रोक लगा दी।

“कैंपस में संगठित नेटवर्क” का आरोप

पीड़िता ने यह भी दावा किया है कि आरोपी अकेला नहीं था, बल्कि विश्वविद्यालय परिसर में एक संगठित समूह सक्रिय है, जो धर्मांतरण की गतिविधियों में लिप्त है। इस आरोप के बाद प्रशासन ने आंतरिक जांच भी शुरू कर दी है, ताकि किसी संभावित नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।

पहली शादी का खुलासा बना टर्निंग पॉइंट

पीड़िता के परिजनों के मुताबिक, आरोपी ने यह सच्चाई छिपाए रखी कि वह इसी वर्ष फरवरी में एक अन्य हिंदू युवती का धर्म परिवर्तन कराकर उससे विवाह कर चुका है। जब यह बात सामने आई, तो आरोपी ने पहली पत्नी को छोड़ने की बात कही, लेकिन शर्त रखी कि पीड़िता को भी धर्म बदलना होगा। इंकार करने पर कथित तौर पर मानसिक उत्पीड़न बढ़ा दिया गया।

इलाज के बाद न्याय की लड़ाई

आत्महत्या की कोशिश के बाद पीड़िता को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर और सीसीएम आईसीयू में भर्ती कराया गया था। 19 दिसंबर को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पीड़िता और उसके परिवार ने राज्य महिला आयोग और जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।

केजीएमयू प्रशासन की पुष्टि

केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि आरोपी और पीड़िता दोनों पैथोलॉजी विभाग में प्रथम वर्ष के रेजिडेंट डॉक्टर हैं। विश्वविद्यालय स्तर पर भी मामले की आंतरिक जांच जारी है।

योगी सरकार का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रकरण में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाते हुए साफ कर दिया है कि शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह की गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।