2017 के बहुचर्चित उन्नाव रेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिलने पर देशभर में प्रतिक्रिया तेज हो गई है। इस फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी ने कड़ा ऐतराज जताते हुए न्यायिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
आशा देवी ने कहा कि इस तरह सजा पर रोक लगाकर जमानत देना बेहद खतरनाक मिसाल है। उन्होंने कहा,
“अगर ऐसे फैसले होने लगे तो हर अपराधी यही कहेगा कि उसकी सजा पर रोक लगाकर दोबारा सुनवाई की जाए। इससे गलत संदेश जाएगा और न्याय व्यवस्था पर लोगों का भरोसा टूटेगा।”
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अपराध करने वाले को इस आधार पर राहत नहीं मिलनी चाहिए कि वह कहां रहेगा या कितनी दूरी पर रहेगा।
“असली सवाल यह है कि अपराध हुआ है और दोषी को सजा मिली है। पीड़ित की पीड़ा और उसकी सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए,” आशा देवी ने कहा।
“पीड़ित परिवार आज भी डर में जी रहा है”
निर्भया की मां ने बताया कि उन्नाव पीड़िता का परिवार आज भी असुरक्षा के माहौल में रह रहा है।
“परिवार के लोग अपनी बच्चियों को स्कूल तक नहीं भेज पा रहे, नौकरी नहीं कर पा रहे और सुरक्षा घेरे में जीवन बिता रहे हैं। ऐसे में दोषी को बाहर लाना पीड़ित के लिए खतरे को और बढ़ा देता है।”
उन्होंने केंद्र सरकार, यूपी सरकार और न्यायपालिका से अपील करते हुए कहा कि
“अपील की सुनवाई जरूर हो, लेकिन सजा बरकरार रहनी चाहिए। जमानत बिल्कुल नहीं मिलनी चाहिए।”
“न्याय प्रक्रिया मजाक बनकर रह गई है”
आशा देवी ने न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर हर बड़े फैसले को बाद में पलटना ही है, तो निचली अदालतों और हाई कोर्ट का क्या मतलब रह जाता है।
“अगर अंत में सब कुछ बदलना है, तो सीधे उच्चतम स्तर पर ही सुनवाई कर लीजिए। इस तरह बार-बार फैसले बदलना पूरे सिस्टम को मजाक बना देता है,” उन्होंने कहा।
इलाज के आधार पर जमानत दिए जाने पर भी उन्होंने तीखी टिप्पणी की।
“इलाज जेल में भी हो सकता है। इसके लिए जमानत देना सिर्फ बहाना है,” आशा देवी ने कहा।
पीड़िता की बहन की पीड़ा
उधर, पीड़िता की बहन ने भी फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा,
“इस आदमी ने हमारे परिवार को तबाह कर दिया। पहले बड़े पापा की हत्या, फिर पिता की मौत और फिर मेरी बहन के साथ दरिंदगी। आज भी हमें डर है, लेकिन उसे राहत मिल गई।”
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 2017 के उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा पर रोक लगाते हुए उसे जमानत दे दी है। पीड़िता ने उस समय नाबालिग रहते हुए सेंगर पर अपहरण और बलात्कार का आरोप लगाया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर गिरफ्तारी के बाद यह मामला दिल्ली ट्रांसफर किया गया था।