वीडियो को तोड़ मरोड़कर प्रसारित मामले में चैनल के डायरेक्टर अनुराधा प्रसाद, राजीव शुक्ला,गोपाल कांडा,कार्तिकेय शर्मा को पुलिस ने किया नोटिस जारी

नाबालिक के वीडियो को तोड़ मरोड़ कर प्रसारित करने के मामले में वर्ष 2015 में पालम विहार थाना में दर्ज पोक्सो एक्ट प्रकरण में एसआईटी ने इंडिया न्यूज के डारेक्टर कार्तिकेय शर्मा, न्यूज़ 24 चैनल के डायरेक्टर अनुराधा प्रसाद, राजीव शुक्ला, गोपाल कांडा को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया है।
पीड़िता को न्याय दिलाने में जुटी सामाजिक संस्था जन- जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार द्वारा सीएम विंडो पर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कराने के लिए गत माह शिकायत दी थी। जिसमे हरिशंकर कुमार ने यह भी आरोप लगाया था कि पुलिस आरोपियो को जानबूझकर बचाना चाहती है तथा पीड़िता पक्ष को हतास करने के आशय से इस केस को लंबा खीचा जा रहा है। पुलिस आयुक्त गुरुग्राम से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच की गई और पाया गया कि पुलिस समय रहते हुए कार्यवाही भी कर रही है। न्यूज 24 के पूर्व एडिटर इन चीफ आरोपी अजीत, अंजुम मोहम्मद सोहेल उर्फ शाहिद, सुहेल,सुनील दत्त इंडिया न्यूज के पूर्व एडिटर चीफ दीपक चौरसिया,एंकर चित्रा त्रिपाठी, राशिद, रिपोर्टर ललित सिंह आदि के खिलाफ स्थानीय अदालत में दिया जा चुका है। जिस पर न्यायालय ने दीपक चौरसिया सम्मन भी जारी किये हैं। इस प्रकार सीएम विंडो पर दी गई शिकायत का पुलिस ने निपटारा हेतु अपने वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भेजा है। यह मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश भावना जैन की अदालत में विचाराधीन है आगामी 22 सितंबर को इस मामले में सुनवाई करेगी, सभी आरोपियों को इसकी सूचना भी दे दी गई है।

गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार थाना क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को आशीर्वाद भी दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनल ने बनाए गए वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़ मरोड़ कर अश्लील अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था, जिससे परिवार व मासूम बालिका की मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार थाने में शिकायत दर्जी कराई थी, जिस पर पुलिस थाना ने जीरो एफ आई आर दर्ज कर नोएडा पुलिस को भेज कर अपना पल्ला झाड़ लिया था। पीड़ित पक्ष को सहयोग करने वाली संस्था जन जागरण मंच इस मामले की पैरवी कर रही है। संस्था पुलिस पर आरोप लगाती रही है कि वह आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने में झिझक रही है, लेकिन न्यायालय के आदेश पर पुलिस कार्यवाही हेतु बाध्य है।

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