वीडियो को तोड़ मरोड़कर प्रसारित मामले में आरोपी चित्रा त्रिपाठी,अजित अंजुम,अभिनवराज,रासीद न्यायालय में हुए पेश

दिल्ली: नावालिग के वीडियो को तोड़-मरोड़कर प्रसारित करने के मामले में गत 7 मई शनिवार को जिला सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश की अदालत में सुनवाई हुई।जिसमे 8 आरोपियों में से 4 आरोपी चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम, राशिद,अभिनव राज अदालत में पेश हुए I दरअसल इस अन्य आरोपी दीपक चौरसिया,ललित सिंह, सुनील दत्त, मोहम्मद सोहेल को भी न्यायालय में पेश होना था लेकिन वे अदालत में पेश नहीं हुए। दीपक चौरसिया ने पेश होने के लिए समय मांगा तथा सैयद सोहेल ने बीमारी का हवाला देकर अगली तारीख में पेश होने के लिए समय की मांग किया। जिसे न्यायालय ने आग्रह को स्वीकार करते हुए 6 जून की तारीख मुकर्रर की है। पीड़िता के अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्रा ने विरोध जताते हुए अदालत को बताया कि पिछले आदेश के अनुसार सभी आरोपियों के जमानती वारंट 7 मई के लिए जारी किए गए थे, लेकिन आठ में से चार आरोपी ही अदालत में पेश हुए।अधिवक्ता धर्मेन्द्र मिश्रा ने दीपक चौरसिया के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अनुरोध किया। मामले की पैरवी कर रहे जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरि शंकर का कहना है कि जमानती वारंट होने के बावजूद सभी आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए। सुनवाई के बाद अदालत परिसर में पहुंचे मिडिकर्मियों ने जब आरोपियों से मामले के बारे में जानकारी चाही तो स्पष्ट जवाब न देकर आरोपी चित्रा त्रिपाठी उल्टे बहसबाजी करने लगें,उक्त मामला पॉक्सो एक्ट से संबंधित है। गौरतलब है कि दो जुलाई 2013 को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो बनाई गई थी। आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी और आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोड़कर प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।