नए साल के मौके पर 12000 से अधिक एनजीओ को बड़ा झटका
नई दिल्ली: नए साल के मौके पर 12000 से अधिक एनजीओ को बड़ा झटका लगा है। नए साल के पहले ही दिन सरकार ने एफसीआरए लाइसेंस समाप्त होने कारण उनकी विदेशों से आने वाली फंडिंग रोक दी गई है। अब ये सभी गैर सरकारी संगठन विदेशों से पैसा नहीं ला पाएंगे।
सरकार ने भेजा था रिमाइंडर
सूत्रों की माने तो इन सभी एनजीओ ने अपने लाइसेंस को नवीनीकरण के लिए नहीं भेजा था। इसलिए गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। सरकार ने इन सभी गैर सरकार संस्थानों को लाइसेंस को नवीनीकरण के लिए रिमाइंडर भेजा था लेकिन उनमें से कुछ संस्थाओं ने वापिस रिस्पोंस नहीं दिया जिसके बाद उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया ।
31 दिसंबर को जिन गैर सरकारी संस्थाओं के लाइसेंस रद्द हो गए हैं उनकी लिस्ट काफी लंबी हैं। इस लिस्ट में ऑक्सफैम इंडिया ट्रस्ट, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और लेप्रोसी मिशन सहित कुल मिलाकर 12,000 से अधिक एनजीओ हैं। इनके साथ ही ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स और इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर भी इस लंबी लिस्ट में ही शामिल किया गया है। ये सभी गैर सरकारी संस्था अब विदेशों से मदद नहीं ले सकती है।
भारत में हैं इतने FCRA से पंजीकृत एनजीओ
भारत में बहुत सारे एनजीओ हैं, उनमें से 22,762 एनजीओ FCRA से पंजीकृत हैं। उनमें से 31 दिसंबर 2021 से 31 दिसंबर 2022 तक के लिए केवल 16,829 एनजीओ के लाइसेंस को FCRA से नवीनीकृत कर दिया गया है।
मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए एफसीआरए लाइसेंस रिन्यू नहीं करने के बाद करीब 12 हजार एनजीओ का भी लाइसेंस 31 दिसंबर 2021 को खत्म हो गया। यह जानकारी गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह दी गई है।
क्या है एफसीआरए?
एफसीआरए संस्थाओं को विदेशों से मिलने वाले चंदे की देखरेख के लिए बनाया गया कानून है। इसे 1976 में बनाया गया था और 2010 में इसे संशोधित किया गया। एफसीआरए विदेशी दान लेने वाले सभी संगठनों, समूहों और गैर-सरकारी संस्थाओं पर लागू होता है। इन संस्थाओं के लिए एफसीआरए के तहत पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। शुरुआत में यह पंजीकरण पांच वर्षों के लिए होता है, जिसे सभी मानदंडों को पूरा करने पर रिन्यू करवाए जाने का प्रावधान है। पंजीकृत संस्थाएं सामाजिक, शैक्षिक, धार्मिक,आर्थिक और सांस्कृतिक प्रयोजनों के लिए विदेशों से योगदान ले सकते हैं।