आज तक की एंकर चित्रा त्रिपाठी समेत 8 पत्रकारों पर आरोप के बाद,एक बार फिर हुए न्यायालय में हुए पेश,ट्रायल की प्रक्रिया हुई शुरू

गुरुग्राम: नाबालिका के वीडियो को तोड़-मरोडकर कर प्रसारित करने के मामले में बीते 10 अक्तूबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मति शशि चौहान की अदालत में जी न्यूज के एंकर दीपक चौरसिया समेत 8 आरोपी पत्रकार अदालत में पेश हुए। बीते 25 अगस्त को अदालत ने इस मामले में 8 आरोपी जिसमे आजतक की एंकर चित्रा त्रिपाठी,अजीत अंजुम,जी न्यूज के एंकर दीपक चौरसिया, रिपब्लिक चैनल के एंकर सैय्यद सोहेल,इंडिया न्यूज के राशिद हासमी, रिपोर्टर सुनील दत्त, ललित बडगुजर,प्रोड्यूसर अभिनव राज के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 14(1), 23, आईटी एक्ट, 67 (बी), 120 बी (जालसाजी करना) तथा ipc की धारा 469 व 471 के तहत आरोप तय किए हैं। केस की पैरवी करने जनजागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला वर्ष 2015 में सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर दर्ज मामले में करीब 10 साल बाद पीड़िता के परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है। पीड़िता पक्ष के अधिवक्ता श्री धर्मेंद्र कुमार मिश्रा व उनके सहयोगी श्री नीरज देशवाल ने बताया, कि इस मामले में ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होकर गवाहों की गवाही के लिए न्यायालय ने दो पुलिस कर्मी को गवाही के लिया बुलाया गया था,जिसमे एक पुलिस कर्मी न्यायालय के समक्ष अपना बयान बीते 25 सितंबर को दर्ज करा दी है, कोर्ट की कार्यवाही में शिकायत कर्ता को भी गवाही हेतु सम्मन करने के बाद वे इस 10 अक्तूबर को अपनी गवाही देने के लिए पेश हुए। शिकायत कर्ता के गवाही जारी रखते हुए न्यायालय ने आगामी तारीख 15 नवंबर मुकर्रर की है।

    *क्या है मामला?*

गौरतलब है कि 2 जुलाई 2013 को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को तोड़मरोड़ कर प्रसारित किया,पीड़िता के परिवार के घर को अश्लीलता का अड्डा बताकर तथा शिकायत कर्ता को शिवा और उनकी पत्नी को शिल्पी बताकर चैनल पर प्रसारित किया था। परिजनों ने यह भी आरोप लगाए थे,कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए बेहद अभद्र,अर्मयादित शब्दों के साथ कमेंट्री कर प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में पुलिस का रवैया संदेहास्पद रहा, पुलिस द्वारा तीन बार मामले में अनट्रेस रिपोर्ट लगाने के बाद पीड़ित पक्ष के द्वारा चंडीगढ़ उच्च न्यायालय की ओर रुख करने पर,उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस द्वारा इस मामले में पुनः अनुसंधान शुरू कर 2020 चार्ज शीट पेश करने के बाद सप्लीमेंट्री चार्ज शीट भी 2021 में पेश की गई। इस मामले की पैरवी शुरू से सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है।