बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ बिहार के कोर्ट में पहुंचा मामला

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दवा लॉन्च करनेवाले स्वामी रामदेव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अदालत में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है. मामला कोरोना की दवा को लेकर किए गए दावे से जुड़ा है. मालूम हो कि कोरोना की मेडिसिन का दावा करने वाली स्वामी रामदेव की पतंजलि योग पीठ की दिव्य फार्मेसी मुश्किल में फँस गई है. 
सरकार कंपनी को सर्दी-जुकाम की दवा बनाने का लाइसेंस जारी किया था, लेकिन पतंजलि ने कोरोना की दवा बनाने का दावा कर दिये. इस बात को लेकर उत्तराखंड के ड्रग कंट्रोलर ने भी पतंजलि फार्मेसी को नोटिस जारी किया  है

उत्तराखंड प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में पूछा गया है कि दिव्ययोग फार्मेसीने कोरोना की जो दवा बनाने का दावा किया है उसका आधार क्या है? फार्मेसी ने कोरोना किट बनाने की परमिशन कहां से ली और दूसरा प्रचार-प्रसार के लिए परमिशन क्यों नहीं ली? कहा जा रहा है कि फार्मेसी ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट-1940 की धारा-170 का उल्लंघन कर भ्रामक प्रचार किया है.

पतंजलि ने मंगलवार को कोरोना की दवा कोरोनिल इजाद करने का दावा करते हुए इसे लॉन्च किया था. जिसके बाद मामला सुर्खियों में आया तो केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने भी संज्ञान लिया. मंत्रालय ने पतंजलि को नोटिस भेजकर तत्काल दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी. आयुष मंत्रालय का कहना था कि बिना आईसीएमआर (ICMR) की प्रमाणिकता के फार्मेसी ऐसा क्लेम कैसे कर सकती है. केंद्र ने उत्तराखंड के आयुष विभाग को भी पत्र भेजकर मामले से जुड़ी सारी पत्रावलियां तलब की
राजस्थान के जिस अस्पताल से क्लिनिकल ट्रायल का दावा किया जा रहा है उसकी राज्य सरकार से अनुमति तो दूर सूचना तक नहीं दी गई. चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोरोना की दवा ईजाद करने के मामले में बाबा रामदेव के दावे पर गंभीर सवाल उठाते हुए भारत सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. डॉ. रघु शर्मा का कहना है कि अनुमति तो छोड़िए हमसे से तो किसी ने पूछा तक नहीं. राजस्थान सरकार द्वारा कार्रवाई के सवाल पर रघु शर्मा ने कहा हमारे डॉक्टर ने एफआईआर दर्ज करवाई है. हम देखेंगे कि क्या कार्रवाई हो सकती है. अस्पताल और बाबा रामदेव के खिलाफ़ कार्रवाई के बारे में देखा जाएगा.

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