मॉर्फ वीडियो प्रसारित करने के मामले में दीपक चौरसिया,चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम,सैयद सोहेल समेत अन्य आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय पर हुई बहस

गुरुग्राम: नाबालिग के वीडियो को अश्लील बनाकर प्रसारित करने के मामले में गत 3 मार्च को उक्त सभी आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय पर बहस हुई। मामले की पैरवी कर रहे सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोप पर बहस के दौरान गुरुग्राम के पॉक्सो की अदालत में सभी आरोपी उपस्थित रहे। न्यायालय की कार्यवाही में पुलिस की तरफ सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखा और कहा कि आरोपियों के द्वारा पीड़िता के वीडियो को तोड़मरोड़कर प्रसारित किया गया है। कोर्ट से सरकारी वकील ने पुलिस द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में लगाई गई धारा को सही बताने के आशय से तर्क रखा।

पीड़िता के अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने कानून और केस के तथ्यों पर,बहस करते हुए पुराने संदर्भित कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए, न्यायालय को बताया कि उपरोक्त आरोपी पत्रकारों ने एक नाबालिग छोटी बच्ची व उसके परिवार के निजी वीडियो को तोड़ मरोड़कर तथा भद्दी कमेन्ट्री करने का जघन्य अपराध किया तथा कोर्ट से यह भी कहा कि,इस अपराध के लिए दीपक चौरसिया व अन्य पत्रकारों पर पुलिस के द्वारा लगाई धाराओं के अलावा अन्य जरूरी धाराओं को भी लगाया जाय तथा इस संदर्भ में,अदालत के सामने मासूम छोटी पीड़ित बच्ची का पक्ष रखा। जिसपर अजीत अंजुम के वकील ने अपना पक्ष रखते कहा कि सूचना मंत्राल्य की गाइड लाइन के अनुसार प्रसारण के रिकार्ड को 3 महीने के वाद डिस्ट्रॉय कर दिया जाता है, यह हवाला देकर पीड़िता पक्ष द्वारा टीवी प्रसारण की केस में संलग्न डीवीडी इत्यादि पर सवाल उठाये। उक्त आरोपी दीपक चौरसिया के वकील ने यह कहा कि,उन्हें अपनी बहस पूरी करने में समय लगेगा और न्यायालय का समय समाप्त का हवाला देकर अपनी बहस शुरू करने के लिए अगली तारीख मांगी। जिसपर न्यायालय ने उक्त सभी आरोपियों के अधिवक्ताओं की दलील को सुनने के बाद आरोप तय पर बहस के लिए 18 अप्रैल 2023 की तारीख निश्चित की है।
गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार काल्पनिक नाम के घर आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाए गए वीडियो को प्रसारित किया था, जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़ मरोड़ कर अश्लील व अवैध तरीके से प्रसारित किया गया था जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा थ। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है।