अदालत ने दीपक चौरसिया,ललित सिंह के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट,तथा जांच अधिकारी के विरुद्ध किया बेलेबल वारंट जारी
गुरुग्राम: नाबालिका की वीडियो को तोड़मरोड़कर प्रसारित करने के मामले में गत 28 अक्तूबर को श्री मति शशि चौहान की अदालत में सुनवाई हुई। जिसमे 8 में से 6 आरोपी चित्रा त्रिपाठी,अजीत अंजुम,सैयद सोहेल,सुनील दत, राशिद,अभिनव राज पेश हुए। अन्य दो आरोपी दीपक चौरसिया,ललित सिंह अदालत में पेश नही हुए।
अदालत की कार्यवाही के दौरान आरोपी दीपक चौरसिया ने अपने वकील के माध्यम से उपस्थित नही होने का कारण बताया कि उनकी ब्लड शुगर बढ़ने की वजह से वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके, जिसपर अदालत ने कहा कि इसके लिए कोई मेडिकल साक्ष्य या प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया. दीपक चौरसिया के द्वारा ऐसी दलील दूसरी बार दी गई, इससे पहले भी दीपक चौरसिया 23 सितंबर 2022 को सुनवाई में हाजिर नहीं हो सके थे.
अदालत ने कहा कि आरोपी पक्ष जानबूझ कर कोर्ट में पेश होने से बच रहा है, इसलिए उन्हें छूट देने का कोई आधार नहीं बनता और उनकी जमानत को खारिज किया जाता है. अदालत ने आगे कहा कि दीपक चौरसिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है, साथ ही उनके जमानतदार को भी नोटिस जारी किया।
इसके साथ-साथ इसी मामले के एक अन्य आरोपी ललित सिंह की जमानत याचिका को भी अदालत में अनुपस्थित रहने की वजह से खारिज कर दिया गया.
कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के दौरान उन्हें सुबह से कई बार कॉल किया गया, अभी दोपहर 12:45 बजे तक उनकी प्रतीक्षा की गई, लेकिन अब और ज्यादा इंतजार नहीं किया जाएगा. ललित कुमार के लिए भी अरेस्ट वारंट जारी किया जाता है।
आरोप पत्र को ठीक से सूचीबद्ध नहीं करने को लेकर जांच अधिकारी को गत दो बार नोटिस किया गया था लेकिन दोनो बार पेश नही हुए ।जिसपर न्यायालय द्वारा 21.11.2022 को स्पष्टीकरण मामले के तथ्यों और अजीबोगरीब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, एसीपी सुरेंद्र, इंस्पेक्टर जितेंद्र और इंस्पेक्टर संजय नाम के जांच अधिकारी acp सुरेंद्र कुमार,इंस्पेक्टर जितेंद्र,और संजय कुमार के खिलाफ 21.11.2022 को जमानती वारंट जारी किया गया