जब पूरी दुनिया 25 दिसंबर को क्रिसमस के उत्सव में डूबी होती है, उसी दिन भारत में एक अलग ही सांस्कृतिक चेतना तेज़ी से उभर रही है। बीते कुछ वर्षों से 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाने की परंपरा लोगों के बीच लोकप्रिय होती जा रही है। यह दिन केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे पौराणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक कारण भी छिपे हैं।
तुलसी: सिर्फ पौधा नहीं, आस्था और आरोग्य का प्रतीक
सनातन धर्म में तुलसी को मात्र एक वनस्पति नहीं, बल्कि साक्षात देवी लक्ष्मी और आरोग्य की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। शास्त्रों में तुलसी को विश्वपावनी कहा गया है, अर्थात पूरे संसार को पवित्र करने वाली। भारतीय घरों के आंगन में तुलसी का स्थान सदियों से विशेष रहा है।
पौराणिक मान्यता क्या कहती है?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, मार्गशीर्ष और पौष मास आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत पवित्र माने जाते हैं। 25 दिसंबर के आसपास सूर्य उत्तरायण की ओर बढ़ने की तैयारी करता है, जिसे शुभ परिवर्तन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है।
मान्यता है कि इस दिन तुलसी पूजन करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और सुख-समृद्धि का वास होता है।
वैज्ञानिक दृष्टि से तुलसी का महत्व
विज्ञान भी तुलसी के गुणों को स्वीकार करता है। तुलसी को एक प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक माना जाता है। सर्दियों के मौसम में जब सर्दी, खांसी और वायरल संक्रमण बढ़ जाते हैं, तब तुलसी के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।
शोध बताते हैं कि तुलसी के आसपास रहने से मानसिक तनाव कम होता है और सर्दियों में होने वाले विंटर ब्लूज़ जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
25 दिसंबर को ही तुलसी पूजन दिवस क्यों?
25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाने के पीछे एक बड़ा उद्देश्य भारतीय संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण भी है। पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव के बीच भारतीय संतों और विद्वानों, विशेष रूप से बापू आसाराम जी, ने यह विचार रखा कि इस दिन बच्चों और युवाओं को प्रकृति और आयुर्वेद से जोड़ा जाए।
यह दिन यह संदेश देता है कि भौतिक उत्सवों से परे, प्रकृति की पूजा ही सच्चा उत्सव है।
बच्चों और समाज के लिए खास संदेश
तुलसी पूजन बच्चों को बचपन से संस्कार, अनुशासन और प्रकृति-प्रेम सिखाता है। माना जाता है कि सनातन परंपराओं से जुड़ाव बच्चों के चरित्र निर्माण में सहायक होता है, जिससे देश का भविष्य और अधिक सशक्त बनता है।