पत्रकार दीपक चौरसिया की गिरफ्तारी को लेकर जन जागरण मंच ने किया प्रदर्शन

गुरुग्राम: न्यायालय से दीपक चौरसिया व ललित सिंह के विरुद्ध गैर जमानती वारंट होने के वाबजूद पुलिस द्वारा गिरफ्तारी नही किए जाने को लेकर नाराज सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के सदस्यों ने बड़ी संख्या में बुधवार को राजीव चौक से पुलिस आयुक्त कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए प्रदर्शन किया। लेकिन पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंपने जा रहे संस्था के सदस्यों को पुलिस के उच्चाधिकारियों ने जिले में लगी निषेधाज्ञा के उल्लंघन करने के आरोप में रोक लिया और वे पुलिस आयुक्त कार्यालय नहीं पहुंच सके। तैनात पुलिस उन्हें पुलिस वैन में बैठाकर क्षेत्र के सिविल लाइन पुलिस थाना ले गई।

संस्था के कार्यकता ने लगाया पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप

संस्था के अध्यक्ष हरी शंकर कमार ने बताया कि पुलिस जानबूझकर आरोपीयों को बचाने में जुटी है । आगे यह भी बताया कि संस्था ने 7 नवम्बर को सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर बुधवार के प्रदर्शन की जानकारी दे दी थी। इस पत्र को उनके कार्यालय में रिसीव भी करा दिया गया था, लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें निषेधाज्ञा के बारे में कोई सूचित नहीं किया गया। यदि उन्हें सूचित किया जाता तो वे प्रदर्शन ही नहीं करते। संस्था प्रशासन के आदेशों व कानूनों का शुरू से ही पालन करती आई है और कानून का सम्मान भी करती है।

बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से लिखित में निषेधाज्ञा की जानकारी न होने से संबंधित पत्र लेकर व चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिले में जिलाधीश द्वारा निषेधाज्ञा लागू की हुई है, इसका उल्लंघन करने पर ही कार्यवाही की गई है। और बाद में सभी को छोड़ दिया गया। लेकिन संस्था के कार्यकर्ता अपनी मांग पर डटे रहे और सिटी मजिस्ट्रेट पर लापरवाही के भी आरोप लगाते हुए यह कहा कि जब सिटी मजिस्ट्रेट को 7 नवंबर को सूचना दी गई और प्रदर्शन किए जाने के समय तक कोई जानकारी नहीं दी गई की धारा 144 लागू की गई है। ऐसे में पुलिस के पास कोई जवाब नही होने के कारण पुलिस अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है । गौरतलब है कि जिला एवं सत्र न्यायालय में एक नाबालिका के

वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश करने का मामला चल रहा है, जिसमें गत 28 नवम्बर को न्यायालय ने 2 आरोपियों दीपक चौरसिया व ललित सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे और उनकी जमानत खारिज करते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश भी दिए गए थे, लेकिन इन दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है। संस्था कई बार संबंधित पुलिस अधिकारियों से भी इस बारे में गुहार लगा चुकी है।