क्या आपदा को अवसर बना लिए बाबा रामदेव ?
नई दिल्ली : पूरी दुनिया कोरोनावायरस की वैक्सीन ढूंढने में लगी है लेकिन हमारे देश में बाबा रामदेव कोरोनावायरस को खत्म करने की दवा ले भी आए लेकिन सरकार और आयुष मंत्रालय को पता भी नहीं लगी। बाबा रामदेव अब बड़े बिजनेसमैन बन गए हैं। लेकिन कल उन्होंने कोरोनावायरस की दवाई कोरोना लांच कर दी। इसमें वह दावा कर रहे हैं कि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज 7 दिन के अंदर ठीक हो जाएगा।
लेकिन इस दावे के बाद आयुष मंत्रालय ने अपने बयान में कह दिया था कि इस दवाई के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है । और बाद में इसके प्रचार पर भी रोक लगा दी। आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि आपदा को अवसर में कैसे बदलते हैं चाहे वह राजनीतिक पार्टियां हो या कोई बिजनेसमैन हो। लेकिन बाबा रामदेव ने भी आपदा को अवसर में बदल दिया।
सरकार ने कोरोनिल के प्रचार पर रोक लगाने के बाद भी मुख्यधारा के मीडिया चैनलों पर बाबा रामदेव सभी जड़ी बूटियों के साथ बैठकर प्रचार करते हुए नजर आए। जबकि केंद्र सरकार ने इस दवा पर और इस दवा के प्रचार पर रोक लगा दी थी। केंद्र सरकार ने अपने बयान में कहा था। कि कोरोनिल दवाई का ब्यौरा देना होगा । और बिना अनुमति के इलाज करना दावा करना बिल्कुल गलत है।
बाबा रामदेव ने दवाई हो या खाद्य सामान सभी में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है । पहले जींस के लिए बाबा रामदेव ने पहनने को मना किया था। बाद में वह जींस भी ले आए और बाजार में उसका प्रचार भी शुरू कर दिया। साबुन तेल खाद्य सामान जींस सभी में बाबा रामदेव ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है तो भला कोरोनावायरस संक्रमण जैसी बीमारी में पीछे क्यों रहते।
नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार कोरोनावायरस की दवाई कोरोनिल पर बाबा रामदेव जो दावा कर रहे हैं। लेकिन अब बाबा रामदेव पर मुकदमा दर्ज हो गया है। बाबा रामदेव के खिलाफ यह मुकदमा जयपुर के रहने वाले डॉ संजीव गुप्ता ने दर्ज किया है । डॉक्टर संजीव गुप्ता ने यह मुकदमा जयपुर के गांधीनगर के थाने में दर्ज कराया है । संजीव गुप्ता ने अपने बयान में कहा है कि बाबा रामदेव कोरोनावायरस जैसे संकट में कोरोना की दवा बनाने का दावा करके बाबा रामदेव लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
बम बम ठाकुुुर