देश के समस्त सरकारी एवं निजी विद्यालयों में 25 दिसंबर को ‘तुलसी पूजन दिवस’ के रूप में मनाए जाने की माँग को लेकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है। इस संबंध में प्रस्तुत ज्ञापन में विद्यालयों में तुलसी पूजन, पौधरोपण तथा इसके वैज्ञानिक, आयुर्वेदिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर आधारित गतिविधियाँ आयोजित करने हेतु आधिकारिक निर्देश जारी करने की माँग की गई है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि सनातन संस्कृति में तुलसी को केवल एक पौधा नहीं, बल्कि “माता” का स्थान प्राप्त है। शास्त्रों, पुराणों, आयुर्वेद एवं लोक जीवन में तुलसी का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सामाजिक संगठनों का कहना है कि तुलसी पूजन को जन-जन तक पहुँचाने और इसके महत्व को उजागर करने में संत समाज, विशेषकर बापू आसाराम जी द्वारा समय-समय पर दिए गए विचारों एवं अभियानों से व्यापक जनजागरण हुआ है।
पर्यावरण और स्वास्थ्य संरक्षण से जुड़ा विषय
ज्ञापन में कहा गया है कि तुलसी पौधा वातावरण को शुद्ध करने, ऑक्सीजन प्रदान करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा अनेक बीमारियों से रक्षा करने में सहायक माना जाता है। वर्तमान समय में बढ़ते प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के बीच तुलसी जैसे औषधीय पौधों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक हो गया है।
बच्चों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
विद्यालयों में तुलसी पूजन दिवस मनाने से बच्चों में अनुशासन, नैतिकता, प्रकृति के प्रति सम्मान और भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व की भावना विकसित होगी। साथ ही आयुर्वेद, प्राकृतिक जीवनशैली, मानसिक शांति एवं सकारात्मक सोच के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
सनातन संस्कृति के संरक्षण की माँग
ज्ञापन में यह भी रेखांकित किया गया है कि भारत एक सनातन सांस्कृतिक परंपरा वाला राष्ट्र है, जहाँ बहुसंख्यक आबादी इन मूल्यों को मानती है। ऐसे में सनातन संस्कृति से जुड़े प्रतीकों, परंपराओं एवं जीवन मूल्यों का संरक्षण लोकतांत्रिक भावना और सांस्कृतिक अधिकारों के अनुरूप है।
देशभर में बढ़ रहा जनसमर्थन
बताया गया है कि तुलसी पूजन दिवस के समर्थन में देशभर में सामाजिक संगठनों, शिक्षाविदों, अभिभावकों एवं संस्कृति प्रेमियों का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। नागरिकों का मानना है कि बापू आसाराम जी द्वारा पर्यावरण, आयुर्वेद और सनातन मूल्यों को लेकर दिए गए संदेशों से प्रेरित होकर यह पहल भावी पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में सहायक होगी।
सरकार से निर्देश जारी करने की अपील
ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है कि 25 दिसंबर को देश के सभी विद्यालयों में ‘तुलसी पूजन दिवस’ के रूप में मनाने हेतु आधिकारिक निर्देश जारी किए जाएँ तथा इसे संस्कार, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण से जोड़ते हुए शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल किया जाए।
ज्ञापनकर्ताओं ने विश्वास जताया है कि यह निर्णय जनभावनाओं का सम्मान करेगा और एक संस्कारवान, स्वस्थ एवं सांस्कृतिक रूप से जागरूक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।