अवैध मजार हटाने पर पुलिस-पीएसी टीम के सामने आईं महिलाएं, मचा हंगामा
उत्तरप्रदेश के बरेली के इज्जत नगर रेलवे की जमीन पर भी एक मजार बनाए जाने पर रेलवे की तरफ से मजार को हटाए जाने पर महिलाएं द्वारा हंगामा मच गया।रेलवे का कहना है कि मजार अवैध रूप से बनाया गया है. इस मजार को हटाने के लिए पुलिस-प्रशासन की टीम पहुंची. मगर पुलिस टीम को खाली हाथ ही लौटना पड़ा. ऐसा दूसरी बार हुआ है जब पुलिस-प्रशासन की टीम इस अवैध मजार को हटाने गई.
जानकारी के मुताबिक, मजार हटाने के लिए जैसी ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, वैसे ही ये खबर आग की तरह आस-पास के एरियों में फैल गई. कुछ ही देर में भारी संख्या में महिलाओं और बच्चों की भीड़ जमा हो गई. इस दौरान रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन के भी अधिकारी मौजूद नहीं थे, इसलिए पुलिस टीम कोई एक्शन नहीं ले पाई और उसे लोगों के विरोध के सामने खाली हाथ ही लौटना पड़ा.
अधिकारियों के जानकारी के मुताबिक, बरेली के इज्जत नगर रेलवे की जमीन पर कई सालों से मजार है. रेलवे का दावा है कि यह मजार अवैध रूप से बनाई गई है और रेलवे की जमीन पर कब्जा किया गया है. रेलवे की तरफ से जिला प्रशासन को इसे हटाने को लेकर एक पत्र लिखा गया था और इस मजार को हटाने की आग्रह किया गया था, जिसके बाद पुलिस कार्रवाई करने आई थी.
इससे पहले भी खाली हाथ लौटी थी टीम
बता दें कि कुछ दिन पहले भी पुलिस की टीम मजार को हटाने के लिए पहुंची थी. उस दौरान भी लोगों ने पुलिस टीम का भारी विरोध किया था और पुलिस कोई एक्शन नहीं ले पाई थी. उस दौरान भी पुलिस टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा था.
बताया जा रहा है कि जैसे ही लोगों को मजार हटाए जाने की सूचना मिली, लोग जमा होने शुरू हो गए. मजार हटाने आई पुलिस और पीएसी फोर्स का लोगों ने घेराव कर लिया, जिसके बाद पुलिस टीम ने अपने कदम वापस ले लिए. शाम तक पुलिस और पीएसी के जवान मौके पर रहे. मगर अवैध मजार नहीं हट सकी. माना जा रहा है कि मौके पर रेलवे प्रशासन के ना होने से पुलिस और पीएसी अवैध मजार पर कार्रवाई नहीं कर पाई.
बताया जा रहा है कि पुलिस को देख मौके पर सैकड़ों लोग जमा हो गए. महिलाएं अपने घरों से निकल आईं. महिलाएं, बच्चे सभी मजार को तोड़ने का विरोध करने लगे. ये देख पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया और मौके पर फौरन पीएसी बुलाई गई.
धीरे-धीरे हो रहा है मजार का विस्तार
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि शुरुआत में यह मजाक बहुत छोटी थी, लेकिन सन् 2005 के बाद से मजार का स्वरूप लगातार बढ़ता चला गया. धीरे-धीरे रेलवे की जमीन पर मजार का अधिकार होता आ रहा है और धीरे-धीरे कब्जा बढ़ता रहा है.
इस पूरे मामले पर टीटीएस दरगाह आला हजरत महानगर अध्यक्ष बरेली मोहम्मद आसिफ रजा कहा कि यह मजार काफी समय पुराना है. यह लगभग 100 साल पुरानी है. हम रेलवे से अपील करते हैं कि मजार शरीफ ना हटाया जाए और हम लोगों की भावनाओं को देखकर ही फैसला लिया जाए. दरगाह से एक पैनल गया था. उन्होंने 1 सप्ताह का टाइम दिया था. अधिकारियों ने हमसे कागजात दिखाने के लिए समय दिया है. जो भी संभव होगा, हम वह करेंगे.