आशारामजी बापू को न्याय दिलाने के लिए हिन्दू संगठनों ने किया जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन,प्रधानमंत्री को सौंपा ज्ञापन

दिनांक 8 मार्च 2022 को दिल्ली के जंतर मंतर पर जन जागरण मंच एवं महिला उत्थान मंडल की ओर से हिन्दू संत आशाराम बापू को न्याय दिलाने के लिए एवं उनके साथ हो रहे षड्यंत्र एवं मीडिया ट्रायल की जांच कराने के लिए लाखों महिलाएं जंतर-मंतर पर एकत्रित हुईं।
इस कार्यक्रम में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के साथ-साथ विभिन्न महिला वक्ताओं ने मंच के माध्यम से अपने विचार रखे एवं प्रधान माननीय प्रधानमंत्री राष्ट्रपति एवं गृह मंत्री जी से अपील करते हुए आशाराम बापू के जोधपुर केस में हुए षड्यंत्र के महत्वपूर्ण तथ्य सामने रखें जिसमें जोधपुर ट्रायल कोर्ट द्वारा जोधपुर केस के समय डीसीपी अजय लांबा एवं जांच अधिकारी चंचल मिश्रा को कोर्ट द्वारा न्यायालय में पेश होने के लिए बुलाया जाना एक ऐसा तथ्य है जिससे इस मामले को पूरा ही बदल कर रख दिया है और समस्त सनातन धर्म प्रेमी एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं मैं आशा की किरण जगा दी है ।

जन जागरण मंच के सौजन्य से उपस्थित बहन रूपाली दुबे ने बताया कि अजय लांबा को कोर्ट द्वारा बुलाया गया है क्योंकि उन्होंने इस केस के संदर्भ में पुस्तक लिखी गनिंग ऑफ गॉडमैन। इस पुस्तक में डीसीपी अजय लांबा ने लिखा है कि उसने घटना वाले स्थल मनई कुटिया की वीडियोग्राफी की अब यहां यह संदेह पैदा होता है की उस झूठा आरोप लगाने वाली लड़की ने इस वीडियो को देखकर ही मनई कुटिया का बयान दर्ज करवाया जोकि पहले नहीं करवाया गया था इस तथ्य के उजागर होने से यह बात स्पष्ट हो रही है कि कहीं ना कहीं डीसीपी अजय लांबा ने अपने पद का दुरुपयोग किया और एक झूठे केस को प्रसिद्धि पाने के लिए दोषपूर्ण कार्यवाही द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया। इसी प्रकार जांच अधिकारी चंचल मिश्रा का भी इस केस में कई बिंदुओं पर संदेहास्पद भूमिका देखी गई है । इतना ही नहीं हमारे देश की मीडिया के प्रसिद्ध चैनल आज तक के एंकर चित्रा त्रिपाठी,दीपक चौरसिया जैसे अन्य पत्रकारों के द्वारा छोटी दामिनी जो कि एक नाबालिग बच्ची थी उसके वीडियो को भी तोड़ मरोड़ कर गलत रूप से पेश किया गया जिसका केस गुड़गांव में दर्ज कराया गया था क्योंकि उस बच्ची के सामाजिक जीवन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा और वह बच्ची अपने जीवन में संघर्ष और दुखों का अनुभव करने लगी, जिसके कारण गुरुग्राम सेसन कोर्ट ने दीपक चौरसिया अजीत अंजुम आदि कुछ पत्रकारों के वारंट भी जारी कर दिए किंतु अभी तक कानून उन्हें गिरफ्तार करने में अक्षम है जबकि निर्दोष संत आसाराम बापू पर कार्यवाही करने में इस कानून ने कोई देरी नहीं लगाई थी जबकि वह निर्दोष है।

ऐसे में जन जागरण मंच एवं महिला उत्थान समिति ने सरकार से यह माँग रखी कि इस पूरे केस को आधारहीन माना जाए एवं इन दोषी मीडिया कर्मियों को गिरफ्तार किया जाए एवं वरिष्ठ डीसीपी अजय लांबा एवं जांच अधिकारी चंचल मिश्रा की भूमिका की भी जांच की जाए कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया । ताकि न्यायालय के सामने सत्य को अति शीघ्र प्रस्तुत किया जा सके और श्री आशाराम बापू को न्याय मिल सके जो कि पूर्णतया निर्दोष हैं यही मांग आज महिला दिवस के अवसर पर यहां करोड़ों महिलाएं कर रही हैं और संत श्री आसाराम बापू जी को न्याय मिलने तक करती रहेगी। कार्यक्रम में पुरुषों पर हो रहे अत्याचार को लेकर आवाज उठाने वाली बरखा त्रेहान,हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरूद्ध में आवाज बुलंद करने वाली रागिनी तिबारी,हिन्दू शेरनी साध्वी आस्था माँ, रजनी शकसेना ने आशारामजी बापू के समर्थन में आवाज बुलंद कर सरकार से रिहाई की माँग रखी।