बाबा रामदेव पर बृजभूषण शरण सिंह का तीखा हमला, बोले– मिलावट के कारोबार के सिरमौर बन चुके हैं

बाबा रामदेव पर बृजभूषण शरण सिंह का तीखा हमला, बोले– मिलावट के कारोबार के सिरमौर बन चुके हैं

गोंडा। भाजपा के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता बृजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर योग गुरु बाबा रामदेव को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने खाद्य पदार्थों में बढ़ती मिलावट को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए रामदेव पर निशाना साधा और कहा कि आज न जाने कितने ‘रामदेव’ पैदा हो चुके हैं, जो मिलावट के कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं।

बृजभूषण ने कहा कि बाबा रामदेव अब मिलावटखोरों के जगतगुरु और सम्राट बन चुके हैं। उन्होंने यह बयान खाद्य सुरक्षा व्यवस्था और सरकारी निगरानी पर सवाल उठाते हुए दिया।

तेल और पनीर की मिलावट पर उठाए गंभीर सवाल

पूर्व सांसद ने सरसों के तेल की कीमतों को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जब सरसों का तेल बनाने की लागत करीब 225 रुपये प्रति लीटर है, तो बाजार में वही तेल 130 रुपये में कैसे बिक रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कई जगहों पर भूसी के तेल में असली सरसों का तेल मिलाकर बेचा जा रहा है, जिससे आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

इतना ही नहीं, बृजभूषण ने दावा किया कि गोंडा शहर में लगभग हर चौराहे पर नकली पनीर का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी सूचना खाद्य विभाग को दी गई थी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई और अवैध धंधा जारी रहा।

सरकार और विभागों पर लापरवाही का आरोप

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मिलावट रोकने की जिम्मेदारी सरकार और संबंधित विभागों की है, लेकिन वे इस जिम्मेदारी से बच रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के कारण मिलावटखोरों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।

पराली जलाने और प्रदूषण पर व्यवस्था पर सवाल

दिल्ली समेत कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण और पराली जलाने के मुद्दे पर भी उन्होंने व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि कानून होने के बावजूद पराली जलाने पर कार्रवाई नहीं होती, जबकि छोटे मामलों में प्रशासन तुरंत सक्रिय हो जाता है।

उनका कहना था कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि मानव निर्मित संकट है, जिससे लोगों की उम्र घट रही है और सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं।

पेड़ लगाने की पुरानी पहल का किया जिक्र

बृजभूषण ने अपने सांसद काल की पुरानी मुहिम को याद करते हुए बताया कि उन्होंने बेटी के जन्म पर पेड़ लगाने की परंपरा शुरू कराई थी। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत देवीपाटन मंडल और आसपास के क्षेत्रों में लाखों पेड़ लगाए गए, जिससे हरियाली बढ़ी।

सागौन पर प्रतिबंध से किसानों को नुकसान

उन्होंने आरोप लगाया कि नियमों के नाम पर लकड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाकर किसानों को नुकसान पहुंचाया गया। बृजभूषण ने कहा कि इससे सागौन जैसी कीमती लकड़ी का मूल्य गिर गया और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।

अंत में उन्होंने कहा कि देश और समाज से जुड़े ऐसे कई मुद्दे हैं, जिन पर लगातार आवाज उठाने की जरूरत है और वे आगे भी बोलते रहेंगे।