वीडियो को तोड़मरोड़कर प्रसारित करने के मामले में 8 में से 7 पत्रकार न्यायालय में हुए पेश,आरोप तय पर 25 अगस्त को अदालत सुनाएगी फैसला
गुरुग्राम: नाबालिका के वीडियो को तोड़-मरोडकर प्रसारित करने के मामले में गत शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान की अदालत में सुनवाई हुई। जिसमे 8 आरोपियों में से 7 आरोपी अदालत में पेश हुए। आरोपी चित्रा त्रिपाठी किसी कारण से अदालत में पेश नहीं हो सकी,तो उनके अधिवक्ता ने अदालत से हाजिरी माफी का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर अदालती कार्यवाही जारी रखी।
मामले में सभी आरोपियों पर आरोप तय किए जाने हैं।
जिन पर गत 29 जुलाई को भी अदालत में बहस हुई थी, लेकिन बहस पूरी नहीं हो सकी तो 19 अगस्त की तारीख निश्चित की गई थी। मामले की पैरवी कर रहे सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरीशंकर कुमार के अनुसार दोनों पक्षों की बहस अदालत ने सुनी और उन्होंने लिखित बहस में अपना पक्ष भी अदालत को दिया। आरोपियों पर आरोप तय करने को लेकर दोनो पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। अदालत ने अब इस मामले में आगामी 25 अगस्त की तारीख तय की हैं। इस पर अदालत क्या आदेश देती है, इस पर दोनों पक्षों की नजर है। उन्होंने बताया कि 8 में से 7 आरोपी अजीत अंजुम, सैय्यद सोहेल, दीपक चौरसिया, राशिद, सुनील दत्त, ललित व अभिनव राज अदालत में मौजूद रहे। आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने तमाम दलीलें पेश की, जिसके विरोध में पीड़िता के अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्रा ने अपनी दलीलों में यह साबित करने का प्रयास किया कि उक्त सभी आरोपियों पर पुलिस द्वारा पेश किए गए आरोप पत्र में लगाई गई सभी धाराओं के तहत आरोप तय करने को लेकर दोनों अपराध बनता है। अदालत इस पर 25 अगस्त को अपना फ़ैसला सुनाएगी। गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडकर अशील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रूप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष व उनकी टीम करती आ रही है