दीपक चौरसिया समेत सभी आरोपी अदालत में हुए पेश, पुलिस के अधिकारी की हुई गवाही,अन्य गवाहियां आगामी 6 जून को
गुरुग्राम: नाबालिका के वीडियो को तोड़-मरोडकर प्रसारित करने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशि चौहान की अदालत में सुनवाई हुई। सभी आठों आरोपी अपने अधिवक्ताओं के साथ अदालत में पेश हुए। अभियोजन पक्ष ने कुछ गवाहों की गवाहियां भी कराई। अन्य गवाहों की गवाही के लिए अदालत ने अगली तारीख आगामी 6 जून निश्चित कर दी है। पीड़िता के अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार मिश्रा व इस मामले की पैरवी कर रही सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार अदालत ने पिछली तारीख पर गवाही देने के लिए पेश नहीं होने पर 2 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। जिनमें से एक पुलिस अधिकारी ने इस मामले में अदालत में पेश होकर अपने बयान दर्ज कराए और जो अधिकारी अदालत में पेश नहीं हो सका, उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट अदालत ने अगली तारीख पर पेश होने के लिए जारी कर दिए। उनका कहना है कि पुलिस के अधिकारी ने अपने बयान में बताया कि जीरो एफआईआर के समय शिकायतकर्ता द्वारा दी गई मूल शिकायत रिकॉर्ड में नहीं है। धर्मेंद्र मिश्रा ने अदालत से कहा कि आरोपियों को बचाने के लिए ही यह सब किया गया है। इस संबंध में उन्होंने अदालत में एक अर्जी भी दायर की और अदालत से मांग की कि इस मामले के जांच अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, क्योंकि उन्होंने साक्ष्यों को नष्ट करने की कार्यवाही की है। उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई के लिए आगामी 6 जून की तारीख निर्धारित कर दी है। उधर आरोपी दीपक चौरसिया के अधिवक्ता ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय का एक आदेश भी अदालत में प्रस्तुत किया। जिसमें दीपक चौरसिया को जिला अदालत में चल रहे इस मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी गई है। पीड़िता के अधिवक्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। इस दिशा में कार्य शुरु कर दिया गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडकर अशील व अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है