बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर एक बार फिर बड़ा संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के समीप हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया जाएगा। हालांकि, आयोजन की तिथि का खुलासा अभी नहीं किया गया है।
इस दौरान उन्होंने नया नारा भी दिया—“कृष्ण लला आएंगे, माखन मिश्री खाएंगे।”
धीरेंद्र शास्त्री इससे पहले नवंबर माह में दिल्ली-हरियाणा होते हुए मथुरा तक पदयात्रा कर चुके हैं, जिसे धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना से जोड़कर देखा जा रहा है।
बंगाल में प्रस्तावित बाबरी जैसी मस्जिद पर तीखी प्रतिक्रिया
शुक्रवार को मुंबई में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में धीरेंद्र शास्त्री ने पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद जैसी संरचना बनाए जाने के प्रयास पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यदि देश में दोबारा बाबरी मस्जिद बनाने की कोशिश की गई तो इसका विरोध होगा।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद भी कुछ वर्ग लगातार विवाद खड़ा करने का प्रयास कर रहा है। बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी जैसी मस्जिद की नींव रखे जाने को उन्होंने “दुर्भाग्यपूर्ण और उकसावे वाला कदम” बताया। धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि हिंदू समाज अपनी आस्था और पहचान की रक्षा के लिए तैयार है।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा—“अगर बाबरी बनी, तो बाबा आएगा।”
1992 का संदर्भ और मौजूदा विवाद
उल्लेखनीय है कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की घटना देश के इतिहास की बड़ी घटनाओं में शामिल है। इसके बाद वर्षों तक कानूनी और राजनीतिक लड़ाई चली, जिसके परिणामस्वरूप राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
अब इसी पृष्ठभूमि में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा क्षेत्र में बाबरी जैसी मस्जिद की नींव रखे जाने की खबर सामने आई है।
बाबरी विध्वंस की बरसी पर रखी गई आधारशिला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाबरी विध्वंस की 33वीं बरसी पर तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को प्रस्तावित मस्जिद की नींव रखी। कार्यक्रम के दौरान भारी सुरक्षा व्यवस्था रही और मंच पर मौलवियों की मौजूदगी में शिलान्यास की औपचारिकता पूरी की गई।
रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि कार्यक्रम के दौरान बड़ी मात्रा में चंदा एकत्र हुआ, जिसे गिनने के लिए विशेष इंतजाम किए गए।