इतना प्रताड़ित तो किसी आतंकवादी को भी नहीं किया होगा!
आपने देखा होगा कि किसी आतंकवादी की गिरफ्तारी होती है तो तथाकथित बुद्धिजीवी व मानवाधिकार वाले उसकी रिहाई की मांग करने लग जाते हैं, सरकार भी उनको दामाद की तरह रखती है बिरयानी खिलाने आदि वीआईपी ट्रीटमेंट देती है, अच्छे हॉस्पिटल में इलाज करवाती है, न्यायालय जमानत भी दे देती हैं। लेकिन वही राष्ट्रवादी , हिंदूनिष्ठ झूठे केस में जेल में जाते हैं तो न मानवाधिकार वाले आते हैं और ना ही सरकार कोई राहत देती है और नही न्यायालय जमानत देती है।
आपको बता दें कि 85 वर्षीय बुजुर्ग संत आशारामजी बापू को 16 फरवरी की रात को तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन भर्ती कराते समय एक व्हीलचेयर भी उनको नहीं दी गई दूसरी तरफ इतनी उम्र हो गई है फिर भी इलाज के लिए उनको जमानत तक नहीं मिल रही है जबकि उनके पास निर्दोष होने और उनके खिलाफ साजिस के तहत झूठे केस में फंसाने के कई पुख्ता प्रमाण हैं फिर भी जमानत नहीं मिलना कितना बड़ा अन्याय है।
सरी और ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती को जमानत दे दी, नाबालिग रेप केस में सपा नेता गायत्री प्रजापति को जमानत मिल गई थी, करोड़ों रूपये के घोटाले करने वाले लालू प्रसाद यादव को जमानत मिल गई थी, देशभर में कोरोना फैलाने वाले मौलाना साद को जमानत मिल गई, देश के ‘टुकड़े’ करने का नारा लगाने वाले उमर खालिद और कन्हैया कुमार को जमानत मिल गई, बलात्कार आरोपी बिशप फ्रेंको व तरुण तेजपाल को जमानत मिल गई , 65 गैर जमानती वारंट होने के बाद भी दिल्ली के इमाम बुखारी को आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाए और यही न्यायालय राष्ट्र और भारतीय संस्कृति के उत्थान कार्य करने वाले 85 वर्षीय हिंदू संत आशारामजी बापू को 7 साल से आज तक जमानत नहीं दे पाई ।
क्योंकि आशाराम बापू ने बड़े बड़े अपराध किये हैं और वे अपराध हैं जैसे कि
लाखों धर्मांतरित ईसाईयों को पुनः हिंदू बनाया व करोड़ों हिन्दुओं को अपने धर्म के प्रति जागरूक किया व आदिवासी इलाकों में जाकर जीवनोपयोगी सामग्री दी, जिससे धर्मान्तरण करने वालों का धंधा चौपट हो गया ।
कत्लखाने में जाती हज़ारों गौ-माताओं को बचाकर, उनके लिए विशाल गौशालाओं का निर्माण करवाया।
शिकागो विश्व धर्मपरिषद में स्वामी विवेकानंदजी के 100 साल बाद जाकर हिन्दू संस्कृति का परचम लहराया।
विदेशी कंपनियों द्वारा देश को लूटने से बचाकर आयुर्वेद/होम्योपैथिक के प्रचार-प्रसार द्वारा एलोपैथिक दवाईयों के कुप्रभाव से असंख्य लोगों का स्वास्थ्य और पैसा बचाया ।
लाखों-करोड़ों विद्यार्थियों को सारस्वत्य मंत्र देकर और योग व उच्च संस्कार का प्रशिक्षण देकर ओजस्वी- तेजस्वी बनाया ।
लंदन, पाकिस्तान, चाईना, अमेरिका और बहुत सारे देशों में जाकर सनातन हिंदू धर्म का ध्वज फहराया ।
वैलेंटाइन डे का विरोध करके “मातृ-पितृ पूजन दिवस” का प्रारम्भ करवाया ।
क्रिसमस डे के दिन प्लास्टिक के क्रिसमस ट्री को सजाने के बजाय, तुलसी पूजन दिवस मनाना शुरू करवाया ।
करोड़ों लोगों को अधर्म से धर्म की ओर मोड़ दिया ।
नशा मुक्ति अभियान के द्वारा करोड़ो लोगों को व्यसन-मुक्त कराया ।
वैदिक शिक्षा पर आधारित अनेकों गुरुकुल खुलवाए ।
मुश्किल हालातों में कांची कामकोठी पीठ के “शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वतीजी” बाबा रामदेव, मोरारी बापू, साध्वी प्रज्ञा एवं अन्य संतों का साथ दिया ।
अब आप ही सोचिए कि ये अपराध है कि समाज, राष्ट्र , संस्कृति व सनातन धर्म की सेवा है? फिर भी उनको जमानत नहीं मिलना एक बड़ा प्रश्न हो रहा है।
साभार आजाद भारत