आरोपी टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी को देश से बाहर जाने पर न्यायालय ने लगाई रोक !
गुरुग्राम: नाबालिग के वीडियो को तोड़ मरोड़कर कर उसे अश्लील रूप से प्रसारित करने के मामले में न्यायालय ने चित्रा त्रिपाठी को देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि भविष्य में चित्रा त्रिपाठी को विदेश जाने से पहले न्यायालय से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
दरअसल मामला बच्ची की वीडियो को अश्लील बनाकर प्रसारित करने से संबंधित हैं। गत 23 सितंबर को गुरुग्राम अतिरिक्त एवं जिला सत्र न्यायाधीश श्री मति शशि चौहान की अदालत में सुनवाई हुई। जिसमे एंकर चित्रा त्रिपाठी व अन्य आरोपियों को पेश होना था। जिसमे अन्य आरोपी तो पेश हुए लेकिन चित्रा त्रिपाठी अपने वकील के माध्यम से अर्जी लगाकर विदेश यात्रा का हवाला देकर पेश नही हुई। पेशी से माफी हेतु लगाई गई अर्जी में कोई महत्वपूर्ण कारण नही बताए जाने पर पीड़िता पक्ष के वकील श्री धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने विरोध जताया और कहा की आरोपी चित्रा त्रिपाठी जो निजी मामले को लेकर कोर्ट को बिना कारण बताए विदेश गई और न्यायालय को अवगत कराना भी उचित नही समझा। जिसपर न्यायालय ने एक अवसर देते हुए चित्रा त्रिपाठी को पेशी से छूट को लेकर राहत दी लेकिन विदेश जाने को लेकर न्यायालय ने सख्त निर्देश जारी कर कहा की मामला विचाराधीन रहने तक भविष्य में विदेश यात्रा का दौरा करने से पहले न्यायालय को अवगत कराकर अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
आखिर क्या है पूरा मामला?
इस मामले की पैरवी कर रहे जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद न्यूज़ 24,न्यूज़ नेशन, इंडिया न्यूज टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडक़र अश्लील/अभद्र तरीके से प्रसारित किया गया था। साथ ही पीड़िता व उनके परिवार को दलाल,लड़की सप्लायर बताकर साथ ही उनके घर को गुफा कांड,अश्लीलता का अड्डा बताकर पेश किया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। जिससे आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में 2013 में ज़ीरो FIR दर्ज कराई थी। इस मामले में आरोपियों को बचाने हेतु गुरूग्राम पुलिस द्वारा भरसक प्रयास किया गया था।
लेकिन जब यह मामला हाइकोर्ट पहुंचा और हाइकोर्ट ने संज्ञान लेकर अपनी निगरानी रखते हुए पुलिस को आदेशित करने पर मजबूरन पुलिस को कार्यवाही हेतु बाध्य होना पड़ा। जिसके बाद चित्रा त्रिपाठी दीपक चौरसिया, अजीत अंजुम आदि के विरुद्ध 2020-21 में दाखिल की गई चार्जशीट में विभिन्न धाराओं 120b,469, 471,आईटी एक्ट 67 b, पोक्सों एक्ट 13c,14(1) 180 के तहत 10 साल की बच्ची और उनके परिवार के ‘संपादित’ व ‘अश्लील’ वीडियो दिखाने, और उन्हें आसाराम बापू के यौन उत्पीड़न मामले से जोड़ने के लिए नामित किया गया।