आशाराम बापू के भक्तों ने मनाया धूम धाम से तुलसी पूजन दिवस,किया भंडारे का आयोजन:-
दिल्ली:एक तरफ जहां 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। वहीं आशाराम बापू के भक्तों ने 25 दिसंबर के दिन रजोकरी स्थित आश्रम में तुलसी पूजन दिवस धूम धाम से मनाया । जिसमे हजारों की संख्या में तुलसी पूजन किया गया, इतना ही नही इस शुभ अवसर पर गरीबों में कंबल वितरण के साथ भंडारे का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आए सैकड़ों लोगो ने हर साल क्रिसमस डे नही मनाकर तुलसी पूजन मनाने का संकल्प लिया और आम जनमानस में घर- घर जाकर जागरूक करने का भी संकल्प लिया।
इस पावन दिवस की शुरुआत वर्ष 2014 में आशाराम बापू ने की।
आश्रम के व्यवस्थापक ने बताया कि भारतीय संस्कृति की महता से विमुख होते देख जनमानस में अपनी संस्कृति की महिमा को बरकरार रखने हेतु 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस की शुरुआत 2014 में हिंदू संत आशाराम बापू ने की थी। लेकिन देश के अन्य साधु संत, राजनेता आदि के सहयोग से बहुत ही कम समय में तुलसी पूजन की महता को समझ पाएं हैं। इस पूजन दिवस को व्यापक रूप देने के लिए कोई कसर नही छोड़ी गई। कार्यक्रम में बच्चों को तुलसी की महत्ता बताया गई और तुलसी के पूजन से बच्चों में विभिन्न प्रकार के फायदे के बारे में भी बताई गई । सनातन धर्म में इसे पूजनीय माना गया है। और आयुर्वेद में तुलसी को “अमृता” कहा गया है, क्योंकि ये औषधि का काम भी करती हैं। बता दें कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां हमेशा सुख-शांति का वास होता है। तुलसी की परिक्रमा करने से दरिद्रता का नाश होता है और जो बच्चे तुलसी के पांच पत्ते रोजाना खाते हैं उन बच्चों की बुद्धि भी कुशाग्र हो जाती है।