दीपक चौरसिया के विरुद्ध चल रहे मामले को राष्ट्रीय चैनल पर खबर प्रसारित करने के लिए जनजागरण मंच ने सूचना प्रसारण मंत्रालय को सौंपा ज्ञापन
दिल्ली:सामाजिक संस्था जनजागरण मंच ने नाबालिग बच्ची की वीडियो को तोड़मरोड़कर कर प्रसारित मामले में राष्ट्रीय स्तर के इलेक्ट्रोनिक व प्रिंट मिडिया द्वारा खबरों को प्रसारित नही किए जाने को लेकर “मिनिस्ट्री इन्फॉर्मेशन ऑफ ब्रॉडकास्ट” और प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में यह मांग की गई है कि टीवी न्यूज चैनल के आठ शीर्ष रिपोर्टर दीपक चौरसिया, अजीत अंजुम,चित्रा त्रिपाठी, सैयद सोहेल,ललित सिंह, सुनील दत्त, राशिद,अभिनव राज बार-बार POCSO कोर्ट गुड़गांव में दर्ज आपराधिक मामले (FIR नंबर 147/15) के सिलसिले में पेश हो रहे हैं। यहां तक न्यायालय द्वारा शीर्ष दो एंकर (दीपक चौरसिया,ललित बड गुर्जर) के विरुद्ध NBW जारी किया गया। दरअसल मामला एक नाबालिग बच्ची से संबंधित समाचार चैनलों पर उक्त 8 शीर्ष पत्रकारों ने अश्लील तरीके से छेड़छाड़ और संपादित वीडियो को शील भंग करने के इरादे से प्रसारित करने को लेकर है। लेकिन इस प्रकरण से जुड़े राष्ट्रीय महत्व की यह खबर स्थानीय अखबारों को छोड़कर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया में नहीं दिखाई गई। जो कि ट्राई अधिनियम और विनियमों तथा भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) का सीधा उल्लंघन है । टेलीविजन चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए नीतिगत दिशानिर्देशों में संशोधन के संबंध में 28 सितंबर 2022 को लिए गए कैबिनेट के फैसले के अनुसरण में, “भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश “2022” को मंजूरी दी गई है। जिसमें यह अनिवार्य है कि प्रसारकों को राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता जैसे: महिलाओं का कल्याण; समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण व सुरक्षा पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा आदि विषयों पर एक दिन में कम से कम 30 मिनट की अवधि के लिए सार्वजनिक सेवा प्रसारण करना अनिवार्य बताया गया है।
जिससे समाचार प्रसारण चैनलों के लिए यह अनिवार्य हो गया है कि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया में जनता के लिए राष्ट्रीय महत्व की हर खबर प्रसारित करनी होगी। लेकिन वास्तव में वे ऐसी समाचार सामग्री का प्रसारण नहीं करते हैं जो मामलों का खुलासा करती हों। उक्त मामले में बड़े पैमाने पर जनता की शिकायत है कि प्रसारण उद्योग के व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज मामले और उसके विकास की जानकारी किसी भी राष्ट्रीय टीवी समाचार चैनल के साथ-साथ राष्ट्रीय समाचार द्वारा प्रसारित नहीं की जा रही है। यहां तक कि डीडी न्यूज चैनल ने भी अपने न्यूज बुलेटिन में इसकी खबर नहीं दी।