आशाराम बापू प्रकरण में नया मोड़, डीसीपी लाम्बा की अब होगी गवाही

दिल्ली: राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे आशाराम बापू की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने तत्कालीन डीसीपी अजयपाल लाम्बा को अपील स्तर पर साक्ष्य के लिए बुलाने की अनुमति दी है.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने आशाराम बापू के अधिवक्ता की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पूरी करते हुए 25 को फैसला सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट ने गुरूवार को इस मामले में प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए तत्कालीन डीसीपी अजय पाल लाम्बा को अपीलीय स्तर पर साक्ष्य के लिए पेश होने के आदेश दिए हैं.

न्यायालय ने 07 मार्च 2022 को तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को व्यक्तिगत रूप से पुस्तक के साथ साक्ष्य के पेश होने के निर्देश दिए हैं. वहीं एक बार फिर आशाराम बापू भी वीसी के जरिये कोर्ट कारवाई में सम्मिलित होंगे. कोर्ट ने राजकीय अधिवक्ता अनिल जोशी को निर्देश दिए हैं कि वो तीन दिन में तत्कालीन डीसीपी लाम्बा (वर्तमान में कहां पोस्टेड हैं) की जानकारी रजिस्ट्री को देने को कहा है।

मामला क्या है
तत्कालीन डीसीपी लाम्बा ने आशाराम बापू को लेकर एक पुस्तक लिखी थी. जो कि गनिंग फोर द गॉडमैन,द ट्रयू स्टोरी बिहाइंड आसाराम बापू कन्विक्शन थी। कोर्ट ने रजिस्ट्ररी को निर्देश दिए हैं कि राजकीय अधिवक्ता से एड्रेस लेकर तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को 07 मार्च को पुस्तक की एक कॉपी के साथ पेश होने के लिए कहा है. गौरतलब है कि आशाराम बापू को ट्रायल कोर्ट की ओर से आजीवन कारावास की सजा के आदेश दिए थे. जिसके बाद डीसीपी अजय पाल ने अपनी पुस्तक में घटना स्थल पर जाकर वीडियो ग्राफी किये जाने का जिक्र को लेकर न्यायालय ने लाम्बा को रिकॉल करने का आदेश दिया है।

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