बहराइच में कथावाचक पंडरीक गोस्वामी को पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने का मामला राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है। पुलिस परेड ग्राउंड में रेड कारपेट बिछाकर हुए स्वागत और एसपी की अगुवाई में पुलिस सैल्यूट के बाद विपक्ष ने सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष दामोदर यादव ने इस पूरे घटनाक्रम को संविधान की भावना के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि यदि एक कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा है, तो फिर शंकराचार्य को राष्ट्रपति और कथावाचकों को प्रधानमंत्री बना देना चाहिए। उनके मुताबिक, यह कदम प्रशासनिक मर्यादाओं और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है।
दामोदर यादव ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान को कमजोर कर मनुस्मृति आधारित व्यवस्था लागू करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने वीडियो संदेश के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि बहराइच के एसपी समेत इस फैसले के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पंडरीक गोस्वामी किसी संवैधानिक पद पर आसीन हैं? क्या वे राज्यपाल या मुख्यमंत्री हैं? अगर धार्मिक कथावाचकों को इस तरह सम्मानित किया जाएगा, तो फिर संवैधानिक पदों का औचित्य ही क्या रह जाएगा। दामोदर यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि संविधान को कमजोर करने की किसी भी कोशिश को उनकी पार्टी सफल नहीं होने देगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में कथित पाखंड और आडंबर फैलाने वाले कुछ धार्मिक चेहरों को संरक्षण दिया जा रहा है, जबकि सामाजिक मुद्दों पर बोलने वालों को निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने साफ कहा कि वे सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे और किसी भी दबाव से पीछे हटने वाले नहीं हैं।