बंगाल में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद को लेकर बयानबाज़ी तेज, बागेश्वर बाबा बोले “ऐसी कोशिश हुई तो हिंदू समाज प्रतिक्रिया देगा”

बंगाल में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद को लेकर बयानबाज़ी तेज, बागेश्वर बाबा बोले “ऐसी कोशिश हुई तो हिंदू समाज प्रतिक्रिया देगा”

मुर्शिदाबाद:- पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर सियासी और धार्मिक हलकों में विवाद गहराता जा रहा है। इसी बीच बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा का बयान सामने आया है, जिसने बहस को और तेज कर दिया है।

बागेश्वर बाबा ने कहा कि यदि देश में बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने का प्रयास किया गया, तो हिंदू समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की कोशिशें दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है।

क्या बोले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?

मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा “अगर देश में बाबरी मस्जिद को फिर से बनाने की कोशिश की जा रही है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंदू समाज इसे हल्के में नहीं लेगा। 1992 की घटनाओं से सबक लिया जाना चाहिए।”

उन्होंने इसे विदेशी आक्रांताओं से जोड़ते हुए इसे हिंदू समाज के खिलाफ साजिश करार दिया। हालांकि, उन्होंने किसी हिंसक कार्रवाई का प्रत्यक्ष आह्वान नहीं किया, लेकिन अपने बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

मुर्शिदाबाद में जुमे की नमाज़, हजारों लोग जुटे

जिस स्थान पर प्रस्तावित मस्जिद की नींव रखी गई है, वहां जुमे के दिन बड़ी संख्या में लोग नमाज़ के लिए पहुंचे। मौके पर तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर भी मौजूद रहे।

बाबर के नाम पर मस्जिद निर्माण को लेकर बंगाल की राजनीति में हलचल बनी हुई है और यह मुद्दा लगातार सुर्खियों में है।

हुमायूं कबीर का दावा— 11 दिन में 5 करोड़ का चंदा

हुमायूं कबीर ने दावा किया है कि बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए अब तक 5 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा इकट्ठा हो चुका है। उन्होंने कहा कि देशभर के मुसलमान इस मस्जिद से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं।

उनका यह भी कहना है कि मस्जिद का स्वरूप पहले से बड़ा और आधुनिक होगा, जिसके लिए कुल 300 करोड़ रुपये तक खर्च होने का अनुमान है।

नई पार्टी बनाने का ऐलान

इस पूरे घटनाक्रम के बीच हुमायूं कबीर ने यह भी घोषणा की है कि वह 22 दिसंबर को नई राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे। उनका लक्ष्य 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवार उतारना है।

राजनीतिक और सामाजिक असर

बाबरी मस्जिद के नाम पर हो रही गतिविधियों और बयानों ने एक बार फिर धार्मिक ध्रुवीकरण की आशंका बढ़ा दी है। देश के कई हिस्सों में नेताओं और संगठनों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, जिससे यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।