नीतीश कुमार ने किया आनंद मोहन की रिहाई का बचाव..
पटना:बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से रिहाई मिल गई है. जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के केस में आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा हुई थी, लेकिन जेल मैनुअल में बदलाव के बाद उनको रिहा कर दिया गया है. आनंद मोहन की रिहाई को बिहार में नीतीश कुमार के पॉलिटिकल कार्ड के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन विपक्ष बिहार सीएम पर निशाना साध रहा है. इस पर बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा था कि आनंद मोहन को कोई विशेष छूट नहीं दी गई है. उनकी रिहाई भी जेल नियमों के मुताबिक ही हुई है.
इस सबके बीच नीतीश कुमार ने पहली बार आनंद मोहन की रिहाई पर मीडिया में कुछ कहा है. शुक्रवार को नीतीश कुमार ने कहा कि इतने लोगों को जेल से छुट्टी मिलती है. एक आदमी की रिहाई पर जो बात की जा रही है, हमको तो बड़ा आश्चर्य लग रहा है. इसमें कौन सी ऐसी बात है, ऐसा तो कुछ भी नहीं है. इस बारे में राज्य के मुख्य सचिव ने कल ही सारी बात पहले ही बता दी थी.
उन्होंने बीजेपी के विरोध पर सुशील कुमार मोदी और आनंद मोहन की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि सुशील मोदी ने खुद आनंद मोहन की रिहाई की मांग की थी. आनंद मोहन 15 साल से भी ज्यादा दिन जेल में रहे, सभी से राय लेकर निर्णय लिया गया है. बिहार में 2017 से अभी तक 22 बार परिहार बोर्ड की बैठक हुई और 698 बंदियों को रिहा किया गया. बिहार में इस कानून को खत्म कर दिया गया, इसमें क्या दिक्कत है. क्या सरकारी अधिकारी की हत्या और सामान आदमी की हत्या में फर्क होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह पहले भी हुआ है. इस बार भी किया है. 27 लोगों में सिर्फ एक आदमी की ही चर्चा क्यों हो रही है. जब आनंद मोहन की रिहाई नहीं हुई थी तो कितने लोग बोल रहे थे कि उनकी रिहाई होनी चाहिए, आज हो गया तो विरोध कर रहे हैं. जो लोग विरोध कर रहे हैं, वह बताएं उनका डिमांड क्या थी. हर जगह लोगों को छोड़ा जाता है, केंद्र सरकार के द्वारा भी लोगों को छोड़ा जाता है. नियम और प्रावधान के अनुसार लोगों को रिलीज किया जाता है.