राजधानी एक्सप्रेस की हाथियों से टक्कर, असम में बड़ा रेल हादसा; 8 हाथियों की मौत, कई डिब्बे पटरी से उतरे

राजधानी एक्सप्रेस की हाथियों से टक्कर, असम में बड़ा रेल हादसा; 8 हाथियों की मौत, कई डिब्बे पटरी से उतरे

असम के होजाई जिले में शनिवार तड़के एक बड़ा और दर्दनाक रेल हादसा सामने आया। सैरांग से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस अचानक रेलवे ट्रैक पर आए हाथियों के झुंड से टकरा गई। इस दुर्घटना में आठ जंगली हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक हाथी गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है।

टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रेन का इंजन समेत पांच डिब्बे पटरी से उतर गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी भी यात्री के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह घटना शनिवार सुबह करीब 2:15 बजे हुई, जब ट्रेन होजाई जिले के अंतर्गत जमुनामुख–कामपुर सेक्शन से गुजर रही थी। अचानक हाथियों का एक झुंड ट्रैक पर आ गया। लोको पायलट ने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन तेज रफ्तार के कारण टक्कर टाली नहीं जा सकी। दुर्घटनास्थल गुवाहाटी से लगभग 126 किलोमीटर दूर स्थित है।

हादसे की सूचना मिलते ही नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर (एनएफ) रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। लुमडिंग मंडल के डीआरएम सहित रेलवे प्रशासन ने तुरंत राहत और बहाली कार्य शुरू कराया। प्रभावित डिब्बों के यात्रियों को सुरक्षित रूप से अन्य खाली कोचों में स्थानांतरित किया गया। आवश्यक मरम्मत के बाद ट्रेन सुबह करीब 6:15 बजे गुवाहाटी के लिए रवाना हुई।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि गुवाहाटी पहुंचने पर यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन में अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे, जिसके बाद राजधानी एक्सप्रेस अपने आगे के गंतव्य के लिए प्रस्थान करेगी। इस हादसे के चलते जमुनामुख–कामपुर सेक्शन में रेल यातायात प्रभावित हुआ है और असम व पूर्वोत्तर के कई हिस्सों के लिए ट्रेनों का संचालन अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।

यह घटना असम में रेलवे ट्रैक के आसपास जंगली हाथियों की लगातार आवाजाही की गंभीर समस्या को एक बार फिर उजागर करती है। हालांकि हादसे की जगह को आधिकारिक हाथी कॉरिडोर घोषित नहीं किया गया है, लेकिन वन्यजीवों का यहां से गुजरना आम बात है।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में हाथियों के प्राकृतिक आवासों के बीच रेलवे और सड़क परियोजनाओं के विस्तार के कारण ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं। साथ ही शिकारियों द्वारा हाथियों को दांतों और कभी-कभी मांस के लिए निशाना बनाए जाने की घटनाएं भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। पर्याप्त सुरक्षा उपायों और प्रभावी वन्यजीव संरक्षण रणनीति के अभाव में न केवल हाथियों की आबादी खतरे में है, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष भी लगातार बढ़ रहा है।