मेरठ के गन्ना भवन में आयोजित किसान पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यदि किसानों के पुराने ट्रैक्टरों को प्रदूषण के नाम पर रोका जाता रहा और सरकारी कंडम ट्रक सड़कों पर बेरोकटोक चलते रहे, तो ऐसे ट्रकों को मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों से वापस नहीं जाने दिया जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अपनी ही जमीन पर मेहनत करता है, लेकिन फसल का उचित दाम तय करने की ताकत उससे छीन ली गई है। उन्होंने किसानों से आंदोलन के लिए तैयार रहने की अपील करते हुए कहा कि अधिकार सिर्फ संघर्ष से ही मिलते हैं।
उन्होंने बताया कि मेरठ, मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में फैक्ट्रियों में लगातार ट्रकों का आवागमन हो रहा है, जबकि किसानों के साधनों पर रोक लगाई जा रही है। यह भेदभाव अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भाकियू प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यदि किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो पहले मुख्यमंत्री से बातचीत की जाएगी, और बात नहीं बनी तो लखनऊ में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने अरावली पहाड़ों को बचाने के लिए भी आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी।
किसानों की प्रमुख मांगें
1.बिना ठोस कारण बढ़ाए गए 35% भाड़े को वापस लिया जाए।
घटाए गए हाड़े को पिछले पेराई सत्र के स्तर पर लाया जाए।
2.अस्वीकृत गन्ना प्रजातियों के दाम पहले की तरह बढ़ाए जाएं।
3.अस्वीकृत गन्ने की खरीद अगेती और सामान्य प्रजातियों के साथ संतुलन में की जाए।
4.गन्ना तौल केंद्रों की हवाई दूरी के आधार पर ही भाड़ा निर्धारित किया जाए।
5.पड़ोसी राज्यों की मान्य गन्ना प्रजातियों को प्रदेश में भी स्वीकार किया जाए।
6.रियल टाइम खतौनी में हो रही गड़बड़ियों को दूर कर लेखपाल-कानूनगो के भ्रष्टाचार पर रोक लगे।
7.नामांतरण, डोल बंदी समेत तहसीलों में लंबित मामलों का तय समय में निपटारा किया जाए।