गुरुग्राम पॉक्सो कोर्ट ने वरिष्ठ एंकर चित्रा त्रिपाठी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया

गुरुग्राम स्थित पॉक्सो कोर्ट ने एक गंभीर मामले में देश के प्रमुख न्यूज एंकरों चित्रा त्रिपाठी और रिपब्लिक भारत चैनल के एंकर सैयद सोहेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मामला एक 10 वर्षीय बच्ची और उसके परिवार के वीडियो को कथित रूप से तोड़मरोड़ कर अश्लील तरीके से प्रसारित करने का है, जिसमें उस परिवार की छवि को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया।

कोर्ट का सख्त रुख

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार मेहता ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि चित्रा त्रिपाठी ने सुनवाई के दिन अपनी गैर-मौजूदगी के लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ पूर्व-निर्धारित साक्षात्कार का हवाला देते हुए अदालत में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें उपस्थिति से छूट मांगी गई थी। हालांकि, न्यायालय ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया।

न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि चित्रा त्रिपाठी ने पहले भी अदालत में पेश होने से परहेज किया है और उनकी अनुपस्थिति को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता। अदालत का मानना था कि आरोपी चित्रा त्रिपाठी इस प्रक्रिया को हल्के में ले रही हैं, और बार-बार गैर-मौजूदगी को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस कारण, अदालत ने उनकी जमानत भी रद्द कर दी और संबंधित पुलिस अधिकारी को 30 नवंबर 2024 तक गिरफ्तारी वारंट को तामील करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अगर गिरफ्तारी वारंट की तामील नहीं होती है, तो संबंधित एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना होगा।

अभियोजन पक्ष का कड़ा विरोध

अभियोजन पक्ष के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने आरोपी की ओर से दाखिल छूट की याचिका का जोरदार विरोध किया। वकील ने दलील दी कि पिछली दो तारीखों पर चित्रा त्रिपाठी को स्वास्थ्य कारणों से उपस्थिति से छूट दी गई थी। लेकिन इस बार ऐसा कोई उचित कारण प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे अदालत उनकी अनुपस्थिति को स्वीकार कर सके। अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि यह मामला वर्ष 2013 का है और इस प्रकार इसमें देरी होने से पीड़ित पक्ष को न्याय मिलने में अत्यधिक विलंब हो सकता है।

मामले का पृष्ठभूमि

यह मामला दिसंबर 2013 में गुरुग्राम के पालम विहार स्थित एक नाबालिग बच्ची के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से जुड़ा है। पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि कुछ प्रमुख समाचार चैनलों पर एक वीडियो प्रसारित किया गया, जिसमें आंशिक रूप से बच्ची, उसकी मां और कुछ अन्य महिलाओं के चेहरे दिखाई दे रहे थे। वीडियो में उनके घर को एक अश्लीलता के अड्डे के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को गहरा आघात पहुंचा। आरोप यह भी है कि इस वीडियो में बच्ची के परिवार को कथित तौर पर बापू आशाराम से जुड़े विवादास्पद मामले में सह आरोपी शिवा और शिल्पी के साथ जोड़ा गया, जिससे परिवार की छवि धूमिल हुई।

इस मामले में कुल 8 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें: दीपक चौरसिया उस समय इंडिया न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ,चित्रा त्रिपाठी वरिष्ठ एंकर,सैयद सोहेल रिपब्लिक भारत चैनल के एंकर,राशिद हाशमी, अभिनव राज प्रोड्यूसर,
ललित बडगुर्जर रिपोर्टर,अजीत अंजुम – उस समय न्यूज 24 चैनल के एडिटर इन चीफ, और सुनील दत्त – रिपोर्टर के रूप में कार्यरत थे। इन सभी के विरुद्ध अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीमती शशि चौहान ने अगस्त 2023 में इस मामले में पॉक्सो एक्ट की धारा 14(1)(23), आईटी एक्ट 67(B), और भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120(B),469 और 471 के तहत अपराध तय किए थे।

कोर्ट ने इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि यह मामला लगभग 9 वर्षों से लंबित है, और यदि कार्यवाही में और अधिक देरी होती है, तो मामले का निपटारा और भी कठिन हो जाएगा। अदालत का मानना है कि इस प्रकार के मामलों में त्वरित कार्यवाही आवश्यक है ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और मामले का जल्द से जल्द निपटारा हो सके।